बिहार: लॉकडाउन में मजदूरों को काम देने की पहल, बंद योजनाएं होंगी शुरू (Photo Credit: फाइल फोटो)
पटना:
कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण परेशान मजदूरों की परेशानी कम करने तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर बिहार सरकार ने पहल शुरू कर दी है. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण सबसे अधिक परेशानी मजदूरों को हो रही है. ये प्रतिदिन जो कमाते थे, उसी पैसे से अनाज घर में आता था और उनके घर का चूल्हा जलता था. बिहार सरकार (Bihar government) लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी योजनाओं को फिर से शुरू करने जा रही है तथा कई नई योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाने की पहल की गई है.
यह भी पढ़ें: जिनके पास राशनकार्ड नहीं, उन्हें भी मदद देगी सरकार, मुख्यमंत्री का जनता के नाम संदेश
बिहार ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न पंचायतों में 2़77 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलने का रास्ता साफ है. कई पंचायतों में स्थानीय स्तर पर काम शुरू भी किए गए हैं. इन मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर ही मास्क, हैंडवाश और साबुन आदि की व्यवस्था की गई है. सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी आवश्यक किया गया है.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया, 'लॉकडाउन टू की स्थिति में मनरेगा योजना के तहत बिहार के ग्रामीण इलाकों में कुछ शर्तो के साथ काम शुरू करने की इजाजत दी गई है. 'काम मांगो अभियान' के तहत पंचायत रोजगार सेवक ग्रामीण इलाकों में घूम-घूम कर काम करने के इच्छुक लोगों से आवेदन लेंगे.' उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी जिलाधिकारी और उपविकास आयुक्त को व्यक्तिगत लाभ वाली योजनाएं, जैसे- प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण पौधरोपण, पौधशाला, छोटे तालाब का निर्माण व उड़ाही तथा जल संचयन संरचना का निर्माण करवाने पर बल दिया गया है.
यह भी पढ़ें: बिहार में मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोका तो नमाजियों ने पुलिस पर बरसाए ईंट पत्थर
मंत्री ने बताया कि इसके अलावा जल-जीवन-हरियाली योजना से संबंधित वैसी सभी योजनाओं पर भी काम तुरंत शुरू कर दिया जाएगा, जिसे ग्रामसभा से मंजूरी मिल चुकी है. इधर, पथ निर्माण विभाग भी बंद पड़ी योजनाओं के साथ नई योजनाओं पर 20 और 21 अप्रैल से काम शुरू करने की घोषणा की है. विभाग सभी बड़े पुल-पुलियों, सड़क का निर्माण 21 अप्रैल से शुरू करेगा, जबकि ग्रामीण पथों का निर्माण भी 20 से शुरू होगा. इन सब में स्थानीय मजदूरों को काम मिलेगा.
ग्रामीण कार्य विभाग ने इस संबंध में दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. विभाग का दावा है कि निर्माण शुरू होने पर एक लाख से अधिक मजदूरों को काम मिलेगा. निर्देश में कहा गया है कि स्थानीय मजदूरों से काम कराया जाए और अगर जरूरत पड़े, तब स्थानीय प्रशासन से पास भी जारी किए जा सकते हैं. कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी विभागीय अभियंताओं को सौंपी गई है.
यह वीडियो देखें: