11 सूत्री मांगों को लेकर नगर निगम के कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल

बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ शाखा नगर निगम, बेतिया के सैकड़ों कर्मचारियों ने नगर निगम के गेट पर ताला जड़ कर सुबह 7 बजे ही संघ के अध्यक्ष पुनदेव कुमार की अध्यक्षता में धरना पर बैठ गए.

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Vineeta Kumari
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11 सूत्री मांगों को लेकर नगर निगम के कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ शाखा नगर निगम, बेतिया के सैकड़ों कर्मचारियों ने नगर निगम के गेट पर ताला जड़ कर सुबह 7 बजे ही संघ के अध्यक्ष पुनदेव कुमार की अध्यक्षता में धरना पर बैठ गए. धरना पर बैठे हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के जिला सचिव, सह ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स के जिला सचिव, कॉमरेड रवींद्र कुमार 'रवि' ने कहा कि सरकार की हटधर्मिता व तानाशाही रवैये के कारण आज संपूर्ण बिहार के शहरी निकाय के सफाई कर्मचारी एक बार फिर अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं. 

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आगे उन्होंने कहा कि बिहार के शहरी निकायों में संविदा, दैनिक वेतन कमीशन व स्थाई कर्मियों के साथ बिहार सरकार द्वारा आए दिन कुठाराघात किया जा रहा है. एक ओर राज्य सरकार अपने आप को सामाजिक न्याय की सरकार बताती है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार अपने आप को महादलितों की हितैषी बताती है लेकिन ऐसी बातें धरातल पर नहीं है. जिसका उदाहरण है स्थानीय निकाय में वर्षों से संविदा व दैनिक पर सफाई का काम करने वाले 90% महादलित समुदाय से आते हैं, जिनके पदों को बिहार सरकार ने अपने संकल्प संख्या 2503 दिनांक 3 मई 2018 के द्वारा समाप्त कर दिया.

इसके साथ ही विभागीय पत्रांक 3453 दिनांक 29/06/ 2018 के द्वारा सफाई से संबंधित सभी पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराने का निर्देश दे दिया गया है, जिसके अनुसार निकायों द्वारा आउटसोर्सिंग करने हेतु धड़ल्ले से लगातार विज्ञापन प्रकाशित किया जा रहा है. इस प्रकार नगर निकायों में संविदा दैनिक वेतन व कमीशन पर काम करने वाले कर्मियों से उनके मुंह का निवाला छीनने का काम किया गया है. 

नगर निगम कर्मचारी संघ जिला संयोजक विनय कुमार बागी ने कहा कि निकाय के स्थाई कर्मियों के संबंध में भी संविधान एवं अधिनियम के विपरीत तरह-तरह के आदेश निर्गत पर कुठाराघात किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति असंतोष की भावना उत्पन्न हो चुकी है. इस प्रकार सरकार द्वारा शहरी निकाय कर्मियों के साथ किए जा रहे अत्याचार को देखते हुए बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ व अन्य संगठनों द्वारा संयुक्त मोर्चा के गठनोपरान्त महासंघ के द्वारा संयुक्त रूप से कर्मियों की समस्याओं का समाधान करने हेतु 11 सूत्री मांगों की सूची 13अगस्त 2022 को सरकार को सौंपा गया, लेकिन राज्य के नई सरकार भी आज तक सफाई कर्मचारियों का 11 सूत्री मांगों को अंदेखी कर रही है. 

आगे उन्होंने कहा कि पिछले एनडीए सरकार ने नगर निकायों को लगातार कमजोर किया है. सृजित पदों को भी मृत घोषित कर आउट सोर्सिंग के मुंह में ढ़केल दिया है. यही वजह है जिससे दोनों हाथों से नगर निकाय को लूटा जा सके. बेतिया नगर निगम ऐसी जगह है, जहां नियमित कर्मियों को 6वां वेतनमान को लागू करने से परहेज करता रहा है. सेवा में रहते कर्मियों के मृत्यू के उपरांत उनके परिजनो को अनुकंपा की कोई जगह नहीं मिल पाई है.

वर्षों से कार्यरत सफाई कर्मियों को सेवा नियमित किया जाए. नगर निकायों में कार्यरत सभी नियमित कर्मियों को सरकारी कर्मी के समतुल्य वेतन, पेंशन व एसीपी का लाभ दिया जाए, नगर निकायों में नीजकरण पर रोक लगाई जाए व आउट सोर्सिंग से बहाली बंद किया जाए, जैसी प्रमुख मांगे शामिल है. संघ के अध्यक्ष पुनदेव कुमार और उपाध्यक्ष अमीत कुमार ने कहा कि 11 सूत्री मांगों को माने जाने तक कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार जारी रहेगा. 

Source : News Nation Bureau

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