सुपौल में मनरेगा योजना में मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है, उनकी जगह जेसीबी और ट्रैक्टर से सड़क बन रही है. मामला मरौना प्रखंड स्थित ललमनिया पंचायत के वार्ड 7 स्थित सखुआ गांव से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि यहां मनरेगा योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य में मजदूरों को मांगने के बाद भी मजदूरी करने का अवसर नहीं मिल रहा है. वहीं, सिस्टम के ठीक विपरीत, कायदे और कानून को ताक पर रखकर मजदूरों के बदले जेसीबी और ट्रैक्टर से ही काम लिया जा रहा है. लिहाजा गांव के जॉब कार्डधारियों मजदूरों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. इस बात को लेकर ग्रामीण और मजदूरों ने जमकर विरोध किया. ग्रामीणों के द्वारा विरोध किए जाने की सूचना पर पहुंचे बीडीओ अभिमन्यु कुमार ने भी स्थल का मुआयना किया और जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.
मजदूर बेरोजगार, गाड़ियों से बन रही सड़क
बताया जा रहा है कि सखुआ गांव में स्थानीय ठेकेदारों के द्वारा रातों-रात जेसीबी से मिट्टी काटकर ट्रैक्टर के माध्यम से आधी दूरी में सड़क बनाई गई. जबकि गांव में काफी संख्या में जॉब कार्डधारी मजदूर भी मौजूद हैं, लेकिन जॉब कार्डधारी मजदूरों से सड़क निर्माण से संबंधित काम नहीं लिया गया. वहीं, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदारों के द्वारा जबरन सड़क बनाई जा रही है. इसके अलावा ललमनिया पंचायत के अलग-अलग जगहों पर भी धड़ल्ले से जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है.
मनरेगा में जेसीबी से काम लिए जाने का प्रावधान नहीं
इस पंचायत में जेसीबी से मनरेगा में काम करते हुए कुछ वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जबकि मनरेगा योजना के तहत जेसीबी से काम करने का प्रावधान नहीं है. इधर, मरौना बीडीओ अभिमन्यु कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर जांच के लिए पहुंचे और स्थल का जायजा लिया गया है. मनरेगा में जेसीबी से काम लिए जाने का प्रावधान नहीं है, निर्माण योजना से संबंधित फाइल देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- सुपौल में मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी
- बेरोजगार बैठे हैं ग्रामीण
- जेसीबी और ट्रैक्टर से बन रही सड़क
Source : News State Bihar Jharkhand