सुपौल के अस्पताल में बदहाली! स्ट्रेचर के अभाव में मरीज को गोद में उठा ले गए परिजन

सुपौल में बेहतर स्वास्थ्य के दावे ढकोसले साबित होते दिख रहे हैं, यहां कभी अंधेरे में डॉक्टर इलाज करते नजर आते हैं तो कभी बिना स्ट्रेचर के पेसेंट को परिजन ले जाते देखे जा रहे हैं.

सुपौल में बेहतर स्वास्थ्य के दावे ढकोसले साबित होते दिख रहे हैं, यहां कभी अंधेरे में डॉक्टर इलाज करते नजर आते हैं तो कभी बिना स्ट्रेचर के पेसेंट को परिजन ले जाते देखे जा रहे हैं.

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Vineeta Kumari
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स्ट्रेचर के अभाव में मरीज को OT तक गोद में उठा ले गए परिजन( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

सुपौल में बेहतर स्वास्थ्य के दावे ढकोसले साबित होते दिख रहे हैं, यहां कभी अंधेरे में डॉक्टर इलाज करते नजर आते हैं तो कभी बिना स्ट्रेचर के पेसेंट को परिजन ले जाते देखे जा रहे हैं. मामला त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल से जुड़ा है, जहां एक एक्सीडेंट में घायल पेसेंट को स्ट्रेचर तक नहीं मिला. पेसेंट को परिजन अपनी गोद में उठा कर अस्पताल के ओटी तक ले गए. दरअसल, जदिया थाना क्षेत्र के बघेली में मंगलवार को रानीगंज-जदिया सड़क मार्ग पर बाइक और कार की जबरदस्त टक्कर में एक शिक्षक की मौत हो गई तो वहीं साथ मौजूद एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. मृतक छातापुर वार्ड नम्बर 12 निवासी 33 वर्षीय शिक्षक भूपेंद्र कुमार मेहता के शव को जदिया पुलिस कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम में सुपौल भेज दिया है.

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मृतक को परिजन बेसुध अवस्था में लेकर त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे, जहां घायल बेसुध ललन कुमार को अस्पताल प्रबंधन की ओर से ओटी तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया गया. परिजन बेसुध मरीज ललन कुमार को गोद में उठाकर ओटी तक ले गए. बीच रास्ते थकने पर परिजन उसे रास्ते में जमीन पर रखकर पुनः उठा कर ओटी तक ले गए, लेकिन कुम्भकर्णी निंद्रा में सो रही त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के विभागीय कर्मी की नींद नहीं खुली. मामले पर जब त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. सुमन कुमारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए था, जिसको जहां लगाया गया है, उसको वहां काम करना चाहिए.

रिपोर्टर- बिष्णु गुप्ता 

Source : News Nation Bureau

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