नॉर्थ सिक्किम में शहीद जवानों का शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन, मिला 'गार्ड ऑफ ऑनर'
बिहार के खगड़िया जिले के शहीद नायब सूबेदार चंदन कुमार मिश्र और आरा जिले के शहीद प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गए.
highlights
- नॉर्थ सिक्किम में शहीद जवानों का शरीर पंचतत्व में विलीन
- 'गार्ड ऑफ ऑनर' से किया गया सम्मानित
- परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल
Khagaria:
बिहार के खगड़िया जिले के शहीद नायब सूबेदार चंदन कुमार मिश्र और आरा जिले के शहीद प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गए. बता दें कि दोनों ही नॉर्थ सिक्किम में हुए हादसे में शहीद हो गए, जहां जवानों से भरी बस खाई में पलट गई थी. शहीद चंदन कुमार मिश्र को उनके छोटे भाई हिमांशु कुमार मिश्र ने मुखाग्नि दिया. इस दौरान शहीद के 11 साल का मासूम बेटा भी मौजूद रहा. शहीद के 11 साल के बेटे के हाथ में शहीद अधिकारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. अगुवानी गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जहां जन सैलाब उमड़ पड़ी थी. आपको बता दें कि सिक्किम के जेमा में 23 दिसंबर को हुए सड़क हादसे में नायब सूबेदार चंदन कुमार मिश्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे उपचार के दौरान कुछ घंटे बाद वह शहीद हो गए थे. सड़क हादसे में 16 आर्मी जवान शहीद हुए थे. चंदन कुमार मिश्र भारतीय सेना में JCO के पद पर कार्यरत थे. वह मूल रूप से खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड के नया गांव पचखुट्टी के रहने वाले थे.
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शहीद को मिला 'गार्ड ऑफ ऑनर'
वहीं, शहीद प्रमोद सिंह को भी मुखाग्नि दिया गया. सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लेकर प्रमोद भैया अमर रहे के नारे लगा रहे थे. परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल था. शव के गांव पहुंचने पर नायक प्रमोद कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. शहीद के पिता के हाथों में गार्ड ऑफ ऑनर सौंपा गया. शहीद को गांव में ही बिहार रेजिमेंट के द्वारा सलामी दी गई. प्रमोद सिंह की शहादत की खबर से पूरे बामपाली गांव में सन्नाटा पसरा है और लोगों में गम का माहौल है.
शहीद नायक प्रमोद कुमार ने 2011 में आर्मी ज्वाइन किया था. मैट्रिक 2006 जैन स्कूल से और 2008 में इंटर की परीक्षा जैन कॉलेज आरा से दिया था. उसके बाद से ही उसका सारा जीवन देश की सेवा में देना चाहता था, जिसके बाद उसने 2011 में (दानापुर बीआरओ) आर्मी ज्वाइन किया. उन्होंने हैदराबाद में ट्रेनिंग पूरी की और उसकी पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में हुई थी, अभी वो नॉर्थ सिक्किम में तैनात थे.
शहीद के परिवार में पत्नी निरमा देवी और उनका एक 8 वर्षीय बेटा नक्स और एक 6 वर्षीय बेटी है. 65 वर्षीय पिता कलक्टर सिंह भी एक्स आर्मी ऑफिसर हैं.
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