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बक्सर में किसानों को पुलिस ने घर में घुसकर पीटा, महिलाओं-बच्चों को भी नहीं छोड़ा!

किसानों के घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप मुफस्सिल थाने की पुलिस पर है. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस ने चार किसानों को गिरफ्तार भी किया है.

Updated on: 11 Jan 2023, 12:02 PM

highlights

  • बक्सर पुलिस की बर्बरता हुई उजागर
  • सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई पुलिस की करतूत
  • किसानों के घर में आधी रात को घुसकर की मारपीट
  • महिलाओं-बच्चों पर भी पुलिस ने बरपाया कहर
  • चार किसानों को भी पुलिस ने किया गिरफ्तार

Buxar:

बक्सर जिले की पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. दरअसल, पुलिस ने आंदोलनरत किसानों के घर में घुसकर उनकी पिटाई की है. पुलिस द्वारा इस दौरान महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा गया. किसानों के घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप मुफस्सिल थाने की पुलिस पर है. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस ने चार किसानों को गिरफ्तार भी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, चौसा में SJVN के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया जा चुका है.

2010 -11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान भी किसानों को किया गया था. उसके बाद 2022 में किसानों के जमीन को अधिग्रहित करने के कार्यवाई फिर से शुरू की गई. अब किसान वर्तमान दर के हिसाब से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जबकि कंपनी पुराने दर के हिसाब से मुआवजा देकर किसानों की जमीन अधिग्रहण कर रही है और किसान इसी बात का विरोध कर रहे थे.

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वहीं, जिले की पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक बल का इस्तेमाल करते हुए किसानों को उनके घरों में घुंसकर आधी रात को पीटा गया. इस दौरान महिलाओं और बच्चों को भी पुलिसकर्मियों ने मारा पीटा साथ ही 4 किसानों को गिरफ्तार कर थाने ले गई.

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जब किसानों के घर में रात्रि में 12 बजे घुसकर लाठी बरसाने से जुड़ा सवाल मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार से पूछा गया तो जवाब में उन्होंने कहा कि एसजेवीएन पावर प्लांट के द्वारा जिन जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज किया गया था उन्हें जब पुलिस पकड़ने गई तो पुलिस टीम पर किसानों के द्वारा हमला किया गया था और जवाब में पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा.

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सीसीटीवी फुटेज ने खोली पुलिस की पोल

पुलिस बेशक जवाब में कार्यवाही की बात कह रही हो लेकिन किसानों के घरों में लगे सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस की सारी पोल खोलकर रख दी है. जिन किसानों पर थानेदार से लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारी तक ये आरोप लगा रहे हैं कि किसानों ने पुलिस पर हमला किया था वह झूठे साबित हो रहे हैं क्योंकि पुलिस की बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है और पुलिस की बर्बरता किसानों के घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.