कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर से बनकर आती है, तभी किसी को जल्दी तो किसी को इंतजार कर अपना हमसफर मिलता है. वहीं कुछ लोग प्यार में ऐसा कर बैठते हैं जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक किस्सा बन जाता है. सोशल मीडिया के इस जमाने में जहां लोग सुंदरता देखकर एक-दूसरे पर दिल हार बैठते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो किसी की सादगी पर अपना जब कुछ गंवा बैठते हैं. एक ऐसी ही प्यारी सी लव स्टोरी बिहार के गया में देखने को मिली, जहां लड़का और लड़की भले एक-दूसरे को नहीं देख सके लेकिन दोनों का प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि अंत में दोनों सात जन्मों के बंधन में बंध गए. गया जिले के शेरघाटी कोर्ट परिसर के मंदिर में नीरज और कौशल्या की प्रेम कहानी चर्चा का विषय बना हुआ है.
नीरज और कौशल्या परिणय सूत्र में बंध गए, दोनों इमामगंज प्रखंड के दो अलग-अलग गांव के हैं. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच करीब चार साल से प्रेम संबंध चल रहा था. शादी से खुश कौशल्या कुमारी ने लव स्टोरी के बारे में बताया कि चार वर्ष पूर्व भलुहारा स्थित कस्तूरबा स्कूल में ब्रेल लिपि से पढ़ाई करती थी. उसी दौरान नीरज से उनकी मुलाकात हुई. नीरज भी वहीं पढ़ाई करता था. पहले दोनों में दोस्ती हुई, लेकिन बाद में यह प्यार में बदल गया. इस बीच नीरज दिल्ली कमाने चला गया, वहां उसे किसी प्राइवेट फर्म में काम मिल गया. वह वहीं काम करने लगा, लेकिन दोनों के बीच प्यार में कोई कमी नहीं आई.
इस दौरान दोनों ने शादी करने का निर्णय ले लिया. इसके बाद दोनों ने अपने-अपने घरवालों को राजी करना शुरू किया. नीरज के घरवालों ने नीरज के ²ष्टिबाधिति होने की वजह से शादी के लिए तैयार नहीं हुए और वे इस रिश्ते का विरोध करने लगे, लेकिन नीरज नहीं माना. इस बीच कौशल्या ने अपनी अभिभावकों को शादी के लिए मना लिया. सोमवार को दोनों शेरघाटी कोर्ट में पहुंचे और मंदिर में शादी रचा ली. शादी के वक्त कौशल्या की ओर से उसके घरवाले मौके पर मौजूद थे.
नीरज का कहना है कि वह इतना कमा लेता है कि एक परिवार का खर्च चला सके और वह अपनी दुल्हिनया को दिल्ली ले जाएगा. वहीं कौशल्या का कहना है कि वह इस शादी से काफी खुश है.
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