'बिहार सरकार घोषणा के अलावा काम करती, तो लोगों की स्थिति ऐसी नहीं होती'

जविपा ने सरकार से पूछा है कि आखिर यह आर्थिक मदद कब मिलेगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है, जबकि अभी काम करने की जरूरत है.

जविपा ने सरकार से पूछा है कि आखिर यह आर्थिक मदद कब मिलेगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है, जबकि अभी काम करने की जरूरत है.

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Sushil Kumar
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Nitish Kumar

नीतीश कुमार( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना संक्रमण (Corona Virus) को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए एहतियाती कदम के बाद बिहार सरकार ने बिना राशन कार्डधारकों को भी 1000 रुपये देने की घोषणा को लेकर अब जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) ने अब सवाल उठाया है. जविपा ने सरकार से पूछा है कि आखिर यह आर्थिक मदद (Lockdown) कब मिलेगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है, जबकि अभी काम करने की जरूरत है. जविपा के अध्यक्ष अनिल कुमार ने सोमवार को बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूर और राशन कार्डधारियों को 1000 रुपये की मदद देने के लिए बधाई की पात्र है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना राशनकार्ड धारी को 1000 रुपये देने की हिम्मत जुटाई है, लेकिन वह पैसा उन्हें कैसे और कब तक मिलेंगे, यह भी सरकार को बताना चाहिए.

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1000 से कुछ नहीं होता

उन्होंने हालांकि कटाक्ष करते हुए यह भी कहा, "वैसे एक परिवार के लिए आज के समय मे 1000 से कुछ भी नहीं होता. लेकिन बिहार सरकार को सिर्फ घोषणा नहीं काम भी करने की जरूरत है."उन्होंने भाजपा विधायक द्वारा अपने बच्चों को कोटा से वापस लाने की चर्चा करते हुए कहा कि इससे सरकार और प्रशासन के बीच की संवादहीनता दिखती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं लॉकडाउन में जो जहां है, वही रहें, की बात कही है लेकिन एक अनुमंडल पदाधिकारी ने विधायक के बच्चों को वापस लाने का फैसला कैसे कर लिया गया.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी पर हमें भरोसा है, लेकिन वे ऐसे लोगों से घिरे हैं, जो सिर्फ उनका माइंडवाश करते हैं.

सरकारी दफ्तर खुले

बिहार में सरकारी कार्यालयों को फिर से खोले जाने और आंशिक प्रतिबंधों के साथ कई व्यवसाय में छूट मिलने से कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में सोमवार को सामान्य स्थिति की झलक दिखाई दी. पटना स्थित नया एवं पुराना सचिवालय तथा विश्वेश्वरैया भवन, जहां कई सरकारी विभागों के दफ्तर हैं, लगभग एक महीने से वहाँ व्याप्त सन्नाटा सोमवार को खत्म हुआ पर इन परिसरों में माहौल पूर्व की भांति कोलाहलपूर्ण नहीं दिखा और गेट पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा स्पष्ट किया गया कि उन्हें सख्त निर्देश हैं कि केवल सरकारी कर्मचारियों को उनके द्वारा पहचान पत्र दिखाने पर जाने की अनुमति दें.

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