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आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव( Photo Credit : फाइल फोटो)
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा की आग अब बिहार तक पहुंच गई है. राज्य में जगह-जगह इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने भी जनता के बीच आकर विरोध करने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि उन्हें जनता के बीच खुद की कमी खल रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट पर यह जानकारी दी है.
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तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं लालू प्रसाद यादव से मिलकर लौटा हूं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और देश के लिए सबसे कठिनतम दौर में मुझे जनता के बीच खुद की कमी खल रही है. लड़ेंगे-मरेंगे नहीं तो दक्षिणपंथी अधिनायकवादी इस खूबसूरत देश को खंडित कर देंगे. उन्होंने कहा कि संविधान बचाने के लिए खूब लड़ो-पुरज़ोर लड़ो.'
अभी आदरणीय @laluprasadrjd जी से मिलकर लौटा हूँ।उन्होंने कहा लोकतंत्र और देश के लिए सबसे कठिनतम दौर मे मुझे जनता के बीच ख़ुद की कमी खल रही है।
लड़ेंगे-मरेंगे नही तो दक्षिणपंथी अधिनायकवादी इस ख़ूबसूरत देश को खंडित कर देंगे।उन्होंने कहा,”संविधान बचाने के लिए ख़ूब लड़ो,पुरज़ोर लड़ो”
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 15, 2019
गौरतलब है कि हाल ही में लालू प्रसाद यादव ने एक इमोशनल ट्वीट कर खुद को मुस्लिमों का संरक्षक बताने की कोशिश की थी. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा था, 'अभी आंखों की शमाएं जल रही हैं, उसूल जिंदा है, आप लोग मायूस मत होना, अभी बीमार जिंदा है. हजारों जख्म खाकर भी मैं दुश्मन के मुकाबिल हूं, खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार जिंदा है.' इस ट्वीट के साथ लालू ने एक पुराना वीडियो भी अपलोड किया था. वीडियो में लालू ने राजद को अल्पसंख्यकों का संरक्षक बताने की कोशिश की और कहा कि अकलियतों की रक्षा के लिए राजद के कार्यकर्ता अपनी जान भी दे सकते हैं.
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बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का बिहार में भी जमकर विरोध हो रहा है. आरजेडी इस बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरी है. विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल आरजेडी के नेता और कार्यकर्ता एकदिवसीय धरने पर भी बैठे थे. शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में मुस्लिम संगठनों द्वारा भी इस विधेयक के विरोध में जुलूस निकाला गया था. इस बीच राष्ट्रीय जनता दल ने 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है.
Source : डालचंद
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