बिहार में फैंसी नंबर लेने के लिए मची होड़, पटना सबसे आगे

Bihar Fancy Number: बिहार में वाहनों के लिए फैंसी नंबर लेने का क्रेज लगातार बढ़ रहा है. राज्य में ज्यादातर लोग पटना में अपने वाहनों के लिए खास नंबर लेने के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं.

Bihar Fancy Number: बिहार में वाहनों के लिए फैंसी नंबर लेने का क्रेज लगातार बढ़ रहा है. राज्य में ज्यादातर लोग पटना में अपने वाहनों के लिए खास नंबर लेने के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं.

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Ravi Prashant
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how to get fancy number in bihar

कैसे लें फैंसी नंबर Photograph: (canva)

बिहार में गाड़ियों के लिए मनपसंद यानी फैंसी नंबर लेने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है. राज्य में सबसे ज्यादा लोग पटना में अपनी गाड़ियों के लिए स्पेशल नंबर लेने के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं. वहीं, शिवहर और अरवल जैसे जिलों में फैंसी नंबर लेने वालों की संख्या बेहद कम है.

सरकार को प्राप्त हुआ 9.47 करोड़ रुपये

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परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) के दौरान पटना जिले में कुल 5,709 वाहन मालिकों ने अपनी गाड़ियों के लिए फैंसी नंबर लिए, जिससे सरकार को 9.74 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.

अब आसानी मिलेगी फैंसी नंबर 

राज्य स्तर पर इस अवधि में कुल 14,721 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर के लिए आवेदन किया, जिससे विभाग को कुल 23.91 करोड़ रुपये की आय हुई. इस पूरी प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाने के लिए विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा भी दी है, जिसे जनता से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.

मुजफ्फरपुर और गया ने ली बढ़त

पटना के बाद सबसे अधिक फैंसी नंबर मुजफ्फरपुर में लिए गए, जहां 1,230 वाहन मालिकों ने लगभग 1.88 करोड़ रुपये खर्च किए. तीसरे स्थान पर गया रहा, जहां 921 लोगों ने 1.35 करोड़ रुपये, जबकि पूर्णिया में 627 वाहन मालिकों ने 1.15 करोड़ रुपये खर्च किए.

कम रुचि वाले जिले

दूसरी ओर, शिवहर जिले से केवल 10 लोगों ने फैंसी नंबर लिए, जिससे विभाग को 2.5 लाख रुपये की आय हुई. अरवल से महज 12 वाहन मालिकों ने करीब 2 लाख रुपये खर्च कर फैंसी नंबर लिए.

कैसे मिलते हैं फैंसी नंबर?

फैंसी नंबर को अलग-अलग पांच समूहों (A से E) में बांटा गया है. इनमें ‘A’ ग्रुप के नंबर जैसे 0001, 0003, 0005 आदि के लिए गैर-परिवहन वाहनों से 1 लाख रुपये, जबकि परिवहन वाहनों से 35 हजार रुपये शुल्क लिया जाता है. अगर किसी विशेष नंबर के लिए एक से अधिक दावेदार होते हैं तो ई-निलामी की जाती है. वहीं, चालू सीरीज़ में उपलब्ध नंबरों के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर नंबर दिए जाते हैं.

परिवहन मंत्री का बयान

परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि अब आम लोग भी परिवहन मंत्रालय के पोर्टल vahan.parivahan.gov.in/fancy पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यह सुविधा लोगों की सुविधा, पसंद और सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू की गई है. इससे न सिर्फ लोगों को संतुष्टि मिल रही है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी इज़ाफा हो रहा है.

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