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पूर्णिया में गरजे गृहमंत्री अमित शाह, बोले- बीजेपी को धोखा देकर लालू की गोद में बैठे नीतीश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पूर्णिया पहुंचे. उनके पहुंचते ही बीजेपी के नेताओं ने उनका जमकर स्वागत किया.

Updated on: 23 Sep 2022, 02:30 PM

Purnia:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पूर्णिया पहुंचे. उनके पहुंचते ही बीजेपी के नेताओं ने उनका जमकर स्वागत किया. पूर्णिया के इंद्रा गांधी स्टेडियम में उन्होंने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बने के लिए जिस एंटी कांग्रेस राजनीति से जन्म लिया नीतीश जी ने उसकी पीठ में छुड़ा भोकने का काम किया है. उन्होंने ये भी कहा कि अब बिहार में सरकार बदली तो बीजेपी की सियासत की रणनीति भी बदल गई और वोटबैंक की रणनीति के बीच में निशाने पर रोहिंग्या मुसलमान आ गए हैं. सीमांचल के इलाके में जिस कदर घुसपैठ में इजाफा हुआ है, उसकी तस्वीर हैरान करने वाली है.

सबसे पहले उन्होंने राष्ट्र कवी रामधारी दिनकर की जयंती पर उनको याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने कहा कि लालू के पेट में दर्द समझ आ रहा है. सीमांचल में आया हूं तो, लालू और नीतीश की जोड़ी को पेट में दर्द हो रहा है. वो कहा रहें हैं कि झगड़ा लगा के जायेंगे, कुछ कर के जायेंगे. उन्होंने तंज कस्ते हुए कहा कि लालू यादव आप झगड़ा लगाने के लिए पर्याप्त हो पूरा जीवन आपने यही काम किया है. चारा घोटाले करने वाले अब मंत्री बन गए और मंत्री बनते ही CBI पर रोक लगाने की सोच रहे हैं. जब लालू जी सरकार में जुड़ गए हैं और नीतीश उनकी गोदी में बैठ गए हैं तो अब बिहार में डर का माहौल है, लेकिन मैं आपको कहने आया हूं कि ये सीमावर्ती जिले हिंदुस्तान का हिस्सा है. किसी को डरने की जरूरत नहीं है, नरेंद्र मोदी की सरकार है.

शाह ने कहा कि इस जनसभा में लोग इतनी दूर-दूर से आए हैं, ये नीतीश सरकार के लिए चेतवानी है. भाजपा को धोका देकर लालू की गोद में बैठकर स्वार्थ और सत्ता की राजनीति का जो परिचय दिया है. उसके खिलाफ बिगुल फुकने की शुरुआत यहीं से होगी. उन्होंने ये भी कहा कि अब नीतीश कुमार को जवाब जनता देगी. 

उन्होंने कहा कि दरअसल, पूर्वी पाकिस्तान यानी तत्कालीन बांग्लादेश से एक दीर्घकालिक योजना के तहत भारत में घुसपैठ होती रही है. इस बात से साबित होता है कि पिछले 5 दशकों में देश में मुस्लिम जनसंख्या 3.5 प्रतिशत बढ़ी लेकिन बिहार के सीमावर्ती जिलों खासकर किशनगंज, कटिहार में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. असम में 11% तो पश्चिम बंगाल में 7% मुस्लिम आबादी बढ़ी है. शोधकर्ताओं की मानें तो ये भारतीय मुसलमानों की संख्या नहीं, बल्कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिए हैं और एक साजिश के तहत भारत आ रहे हैं.

सीमांचल में किसकी कितनी आबादी 

. 1961 में किशनगंज जिला के किशनगंज प्रखंड और टेढ़ागाछी प्रखंड हिन्दू बहुल थी लेकिन 1971 में दोनों प्रखंड मुस्लिम बहुल हो गए. 1961 में किशनगंज 
   प्रखंड में 46.37 प्रतिशत मुस्लिम थे, जो 2011 में 60.56 प्रतिशत हो गए. 
.  किशनगंज प्रखंड में मुसलमानों की आबादी 14.19 प्रतिशत बढ़ी. उस दौरान देश में मुसलमानों की संख्या 3.52 फीसदी बढ़ी.
.  बहादुरगंज प्रखंड में मुसलमान आबादी 1 से 2 प्रतिशत घटी. 1961 में यहां 78.58 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी, जो घटकर 76.99 फीसदी पर आ गई है.
.  पोठिया प्रखंड में 9.42 प्रतिशत मुस्लिम आबादी बढ़ी. टेढ़ागाछी प्रखंड में मुसलमान 1961 में 49.54 प्रतिशत थे, जो 2011 में 53.17 प्रतिशत हो गए. ये 
   इलाका हिन्दू बहुल से मुस्लिम बहुल हो गया.
.  कटिहार के बारसोई प्रखंड में 1961 में मुस्लिम आबादी 55.72 प्रतिशत थी. जो अब 16.33 प्रतिशत बढ़कर 72.05 फीसदी हो गई.
.  कोढ़ा प्रखंड में मुसलमानों आबादी 11.34 प्रतिशत बढ़ी.
.  प्राणपुर प्रखंड में मुस्लिमों की जनसंख्या में 11.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
.  मनिहारी में मुस्लिमों की जनसंख्या 12.47 प्रतिशत बढ़ी.
.  अमदाबाद में मुस्लिम आबादी 42.60 फीसदी थी, जो 2011 में 54.13 प्रतिशत तक पहुंच गई.
.  सुपौल के बसंतपुर में 1961 में 22.89 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी, जो 2011 में 34.49 प्रतिशत हो गई.

आपको बता दें कि इसके बाद वो किशनगंज चले जाएंगे. किशनगंज में अमित शाह की शाम चार बजे बिहार बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ बैठक होनी है. कल यानी 24 सितंबर को अमित शाह सुभाष पल्ली स्थित मां काली के मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद वे सेना के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.