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हाईकोर्ट ने कहा-फर्जी कागजात पर सिम रखने वालों पर दर्ज हो FIR

कोर्ट ने जब मोबाइल कम्पनी पर जुर्माना लगाने की बात कही तो कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुये सभी मोबाइल कंपनियां तुरंत संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए तैयार हो गयी.

Updated on: 22 Jan 2022, 05:49 PM

पटना:

फर्जी कागजात पर मोबाइल सिम लेने वालों पर संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है. साथ ही एसपी को कहा कि साइबर अपराधियों की संपत्तियों की जानकारी आयकर विभाग और ईडी को दें. कोर्ट ने राज्य की सभी मोबाइल कंपनियों को तुरंत कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने शिवकुमार की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. 

कोर्ट ने कहा कि सिम लेने के लिए कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म के साथ फर्जी दस्तावेज लगाने वालों को चिह्नित कर संबंधित थाने में प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की जा रही है. जबकि टेलकम कम्पनी की ओर से जारी 9 अगस्त 2012 के सर्कुलर के क्लोज 10 में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि फर्जी कागजात पर सिम लेने वालों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें लेकिन कोई भी मोबाइल कम्पनी इस सर्कुलर के तहत कार्रवाई नहीं कर रही है. 

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कोर्ट ने जब मोबाइल कम्पनी पर जुर्माना लगाने की बात कही तो कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुये सभी मोबाइल कंपनियां तुरंत संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए तैयार हो गयी. उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि फर्जी कागजात के आधार पर लिए गए प्रीपेड सिम वाले पर एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी. कोर्ट का कहना था कि फर्जी दस्तावेज पर प्रीपेड सिम लेकर अपराधी साइबर क्राइम कर रहे हैं. साइबर क्राइम में संलिप्त अपराधी फर्जी कागजात के आधार पर प्रीपेड सिम लेकर घटना को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही हैं. यह सब जानते हुए मोबाइल कंपनी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. कोर्ट ने कहा कि जो मोबाइल कंपनी इस सर्कुलर का उल्लंघन करेगी उसपर कोर्ट कार्रवाई करेगी. 

कोर्ट ने नवादा, नालंदा और शेखपुरा के एसपी को साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए तेजी से कार्रवाई करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि साइबर क्राइम वाले थानों में बने नए घरों की जांच करें ताकि पता चल सके कि नए घर का निर्माण साइबर क्राइम के पैसा से तो नहीं किया गया है. जैसे ही उन्हें इस बात का पता चले तो इसकी सूचना आयकर विभाग सहित अन्य विभागों को दें. कोर्ट ने तीनों जिलों के एसपी को अपने-अपने जिले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. इसपर तीनों जिलों के एसपी ने बताया कि साइबर क्राइम से जुड़े अपराधियों को चिह्नित कर लिया गया है. उसकी संपत्तियों की जानकारी आयकर विभाग ( जांच) के डीजी और ईडी के डिप्टी डायरेक्टर को दे दी गई है.