झारखंड पत्थर खनन (Jharkhand Mining Lease Case) लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant soren) की तरफ से आज 3 बजे उनका पक्ष रखा जाएगा. पिछली सुनवाई में उन्होंने दलील रखने के लिए आयोग से समय मांगा था. झारखंड प्रदेश भाजपा के अधिवक्ता ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी दलील रखी थी. ये पूरा मामला सीएम हेमंत के नाम से पत्थर खनन लीज के ठेके से जुड़ा हुआ है. इसकी अंतिम सुनवाई 28 जून 2022 को हुई थी.
अंतिम सुनवाई के बाद बीजेपी के अधिवक्ता ने सीएम पर लगे आरोपों को सही बताया था. इसके बाद सीएम सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एसके मेंदिरत्ता ने आयोग से कहा कि जिस तरह भाजपा की ओर से करीब दो घंटे तक दलील रखी गई, ठीक उसी तरीके से उन्हें भी उतना समय दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह सुनवाई को स्थगित करने की मांग भी नहीं कर रहे है और न ही आयोग के समक्ष पक्ष रखने के लिए कोई अतिरिक्त समय मांग रहे है. हमें बस अपना पक्ष रखने के लिए इतना ही समय मिलना चाहिए जितना दूसरे पक्ष को मिला है. आयोग अगर इस बात पर तैयार है तो हम अपना पक्ष रखना शुरू करते हैं. इसपर कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि समय पूरा हो गया है. अगली तारीख पर सुनवाई के दौरान पक्ष रखने की बात आयोग की तरफ से कही गई.
ये है पूरा मामला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने विभाग में मंत्री होते हुए अपने नाम से खनन लीज आवंटित करा लिया है. ये खनन लीज रांची जिले के अनगड़ा क्षेत्र में आवंटित है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुछ महीने पहले मीडिया के सामने यह खुलासा कर दिया था. इसके बाद झारखंड में विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाया. भाजपा नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल से इस मामले की शिकायत की. वह हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग करने लगे. इसके बाद मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचा. चुनाव आयोग ने भी राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा. मुख्य सचिव से जवाब मिलने के बाद चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. जिसके बाद से सुनवाई लगातार चल रही है.
Source : Gaurav Pandit