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प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा बेहाल.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
बिहार में स्वास्थ्य विभाग का बजट 16 हजार 134 करोड़ का है. फिर भी अस्पतालों का हाल बेहाल है. जहानाबाद जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पिछले 24 दिनों से से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब है. जिसका खामियाजा ग्रामीण इलाकों से आने वाले गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ मरीजों को भुगतान पड़ रहा है. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए लगातार बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत जहानाबाद में जाकर दम तोड़ देती है.
मरीजों को होती हैं परेशानियां
जहानाबाद जिले के सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल में कई इलाकों से बेहतर इलाज के लिए आये मरीजों को हर दिन कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. अस्पताल में पिछले 24 दिनों से अल्ट्रासाउंड मशीन खबर है. मशीन शराब होने से दूर दराज से आये गर्भवती महिलाओं को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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नहीं मिले मशीन के पार्ट्स
वहीं, अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने पर डॉक्टर का कहना है कि कुछ तकनीकी खराबी के कारण मशीन बंद है. बीच में इसे ठीक करने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया था, लेकिन पार्ट्स नहीं मिलने के कारण ठीक नहीं हो पाया है.
डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद ने स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभालने के बाद ही कई अस्पतालों का औचक निरिक्षण किया था. मिशन 60 के तहत बिहार मॉडल अस्पताल बनाने का आदेश दिया था. अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए कई निर्देश दिए थे. बावजूद इसके हालात जस के तस बने हुए हैं.
रिपोर्ट : पवन कुमार
HIGHLIGHTS
- प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा बेहाल !
- औचक निरीक्षण से नहीं बनी बात
- बिहार में नहीं बदल रहे स्वास्थ्य के हाल
- 24 दिनों से खराब हैं अल्ट्रासाउंड मशीन
- स्वास्थ्य विभाग का बजट 16 हजार 134 करोड़
Source : News State Bihar Jharkhand