हरनौत विधानसभा सीट (Harnaut assembly seat) नालंदा जिले में आती है. यह नालंदा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इस सीट पर जेडीयू परचम लहराता आया है. नीतीश कुमार के इस गढ़ पर किसी का कब्जा करना मुश्किल है. हरनौत साल 1967 से ये पहले यह बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र का भाग था. लेकिन 1972 में परिसीमन में हरनौत
विधानसभा सीट अस्तित्व में आया.
हरनौत विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़े. जिसमें उन्हें 1977 और 1980 के चुनाव में हार मिली, जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में विजयी हुए. इसके बाद से जेडीयू के इस किले को कोई तोड़ नहीं पाया है. हरनौत सीट को जेडीयू का अभेद किला माना जाता है. 2005 से लेकर अबतक हुए चुनावों में पार्टी यहां से लगातार जीतती रही है. इस सीट पर जेडीयू उम्मीदवारों का आरजेडी और एलजेपी से मुकाबला रहा है. इस बार भी आरजेडी और एलजेपी इस सीट पर अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं.
2015 के चुनाव में जेडीयू के हरिनारायण सिंह ने एलजेपी के अरुण कुमार को मात दी. उससे पहले 2010 के चुनाव में भी जेडीयू के टिकट पर ही हरिनारायण सिंह इस सीट से विजयी हुए, लेकिन तब अरुण कुमार आरजेडी के टिकट पर चुनावी मैदान में थे. उससे पहले 2005 में हुए दो चुनावों में जेडीयू के सुनील कुमार यहां से विजयी रहे.
पिछले पांच चुनाव में किसे मिली जीत
2015- हरिनारायण सिंह (जेडीयू)
2010- हरिनारायण सिंह (जेडीयू)
अक्टूबर, 2005- सुनील कुमार (जेडीयू)
फरवरी, 2005- सुनील कुमार (जेडीयू)
साल 2000-विश्वमोहन चौधरी (एसएपी)
जनसंख्या
हरनौत विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,74,937 मतदाता हैं, जिनमें से 1,46,144 पुरुष और 1,28,781 महिलाएं हैं.
मुद्दे
हरनौत क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है, लेकिन नहरों की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ का सामना करना पड़ता है. हरनौत में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं रहने के कारण स्थानीय छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में परेशानी होती है. बेरोजगारी भी यहां की मुख्य समस्या है.
Source : News Nation Bureau