बिहार में अब बच्चों की क्लास लगाएंगे सरकारी अफसर, पटना के डीएम ने दिया आदेश

बिहार की राजधानी पटना में अब सरकारी स्कूल में टीचर के साथ ही अब बिहार सरकार के आला अधिकारी भी बच्चों को पढा़ते नजर आएंगे।

बिहार की राजधानी पटना में अब सरकारी स्कूल में टीचर के साथ ही अब बिहार सरकार के आला अधिकारी भी बच्चों को पढा़ते नजर आएंगे।

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kunal kaushal
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बिहार में अब बच्चों की क्लास लगाएंगे सरकारी अफसर, पटना के डीएम ने दिया आदेश

फाइल फोटो

बिहार की राजधानी पटना में अब सरकारी स्कूल में टीचर के साथ ही अब बिहार सरकार के आला अधिकारी भी बच्चों को पढा़ते नजर आएंगे।

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पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने एक अनूठी पहल करते हुए अधिकरियों को सप्ताह में एक घंटा किसी न किसी एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को खुद इसकी शुरुआत पटना के एक स्कूल से कर दी है।

जिलाधिकारी अग्रवाल ने बताया, 'बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए अब पटना जिले के सभी सरकारी अधिकारी और पदाधिकारी अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में हफ्ते में एक दिन एक घंटा बच्चों को पढ़ाएंगे। इस दौरान वे स्कूलों की स्थिति का जायजा भी लेंगे।'

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इसी पहल के तहत पटना के जिलाधिकारी शुक्रवार को शिक्षक की भूमिका में दिखे। अग्रवाल राजधानी के बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय पहुंचे और घंटाभर बच्चों को पढ़ाया।

जिलाधिकारी ने इस मौके पर बच्चों को लक्ष्य निर्धारित कर उसके अनुरूप मेहनत करने की सलाह दी और असफलता से न घबराते हुए लगातार प्रयास करन के लिए छात्रों को प्रेरित किया।

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अग्रवाल ने बताया कि जिले के अनुमंडल और प्रखंड स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूल में सप्ताह में एक घंटे के लिए शिक्षक की भूमिका में नजर आएंगे।

उन्होंने कहा कि इससे ने केवल छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास का संचार होगा, बल्कि वहां कैरियर कउंसलिंग भी होगी। इस पहल से सभी स्कूलों में गुणात्मक सुधार भी आएगा। इस दौरान अधिकारी करंट अफेयर, एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी भी बच्चों को बताएंगे।

अग्रवाल ने बताया कि सभी स्कूलों में एक निरीक्षण पंजी भी रखने का निर्देश दिया गया है, जिस पंजी पर अधिकारी अपना मंतव्य अंकित करेंगे और उन चीजों को भी अंकित करेंगे जो वहां के बच्चों के लिए जरूरी है।

पटना के जिलाधिकारी का मानना है कि अधिकारियों के स्कूलों में लगातार दौरा करने से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता, शिक्षकों की उपस्थिति और मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

उल्लेखनीय है कि शिक्षक की भूमिका में अपर जिला दंडाधिकारी, जिलास्तरीय अधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंडस्तरीय अधिकारी और पंचायत स्तरीय पदाधिकारी भी रहेंगे।

Source : IANS

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