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केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर किसानों के प्रति संवेदनशील सरकार : तारकिशोर प्रसाद

सहजानंद को न सिर्फ उनके किसान आंदोलन के लिए याद किया जायेगा, बल्कि उनके धार्मिक सुधार और सामाजिक न्याय का उल्लेख भी प्रासंगिक बना रहेगा.

Updated on: 27 Jun 2021, 12:51 PM

highlights

  • कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह रहे
  • डॉ संजय जायसवाल ने सहजानन्द को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए
  • स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रासंगिकता कल भी थी, आज भी है

पटना:

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि केंद्र और बिहार दोनों में किसानों के प्रति संवेदनशील सरकार है, जिसका परिणाम है कि किसान अब खुशहाली की ओर बढ चले हैं. स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी की ओर से भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित स्वामी सहजानंद सरस्वती के 71 वें पुण्यतिथि को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रासंगिकता कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी. उन्होंने कहा कि सहजानंद को न सिर्फ उनके किसान आंदोलन के लिए याद किया जायेगा, बल्कि उनके धार्मिक सुधार और सामाजिक न्याय का उल्लेख भी प्रासंगिक बना रहेगा. इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने सहजानन्द को याद करते हुए पुष्पांजलि कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिये लागू की गई योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से किसानों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने न सिर्फ किसानों के लिए रोडमैप तैयार किया बल्कि उसे क्रियान्वित भी किया. यही कारण है कि पूरे देश में बिहार के किसान कहीं अधिक खुशहाल हैं. समारोह के अध्यक्षीय भाषण के दौरान स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी के अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल भाजपा के किसान मोर्चा के प्रभारी रविन्द्र रंजन ने सहजानंद के जन्मोत्सव या पुण्यतिथि के अवसर में से किसी एक तारीख को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर घोषित करने की मांग की.

रंजन ने कहा, स्वामी जी एक ऐसे युग पुरूष हैं जो एतिहासिक अंधकार में हैं, जबकि उनकी बातें आज भी व्यवहारिक रुप से लागू होती है. ऐसे में स्वामी जी के विचारों को पाठ्य पुस्तक में शामिल करने और उनके नाम पर कृषि विश्वविधालय खोलने की आवश्यकता है. उन्हेंने स्वामी सहजानन्द को भारत रत्न देने की मांग भी की. रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़े कामेश्वर चौपाल ने कहा कि एक साजिश की तहत भारत के महापुरुषों को हमारे स्मरण से मिटाने की कोशिश वर्षों से ही रही है, जिसका नतीजा है कि लोग देश की अधिकांश आबादी सहजानन्द जैसे नाम से परिचित नहीं है. इस मौके पर रविंद्र रंजन द्वारा संकलित स्मारिका के लोकार्पण भी किया गया. पिछले 10 वर्षों से स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी की ओर से सहजानंद के पुण्यतिथि के अवसर पर स्मारिका का प्रकाशन किया जाता रहा है.