गुमला के दूर दराज इलाकों में रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों तक जिले के डीसी सुशांत गौरव की पहल की वजह से सरकार की योजनाएं पहुंचने लगी है. लोगों को तत्काल राशन कार्ड बनाकर दिए जा रहे हैं और दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. वहीं, लोग भी डीसी सुशांत गौरव की पहल से काफी खुश हैं. आपको बता दें कि गुमला जिले के दूर दराज के क्षत्रों में रहने वाले आदिम जनजाति के परिवारों को लंबे समय से कई योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा था, लेकिन डीसी सुशांत गौरव की सक्रियता के बाद अब पिछड़े आदिम जनजाति के लोगों को भी विकास कार्यों से लाभान्वित करवाने का काम शुरू हो गया है. सुदूरवर्ती इलका के लोग विकास योजनाओं से वंचित रह जाते थे, लेकिन इस बार पूरी प्राथमिकता में उन्हें हर तरह की योजना जिसमें पेंशन, आवास और पीडीएस योजना में सबसे आगे रखा जा रहा है.
वहीं, डीसी के निर्देश के बाद आदिम जनजातियों से सम्बन्ध रखने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर राशन कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जब व्यवस्था बेहतर हो जाय तो निराश और उदास लोगों के चेहरों पर खुशी देखने को मिलती है. ऐसी ही खुशी घाघरा पाट की रहने वाली बिकलांग आदिम जनजाति सोनारी कुमारी के चेहरे पर भी देखने को मिली. सोनारी के पति भी विक्लांग हैं और राशन कार्ड के लिए काफी समय से परेशान थे, लेकिन वो अब जब आपूर्ति कार्यालय पहुची तो एक दिन में उनका राशन कार्ड उन्हें मिल गया.
गुमला की वर्तमान व्यवस्था को देखकर ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में पूरे जिले की व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव होगा. सरकार की योजनाएं अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों को भी मिलेगा. बहरहाल डीसी गुमला सुशांत गौरव के पहल और सक्रीयता की हर कोई तारीफ कर रहा है.
रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह
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Source : News State Bihar Jharkhand