बिहार विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने आज भी हंगामा किया और वाकआउट कर गए. ऐसे में सवाल ये उठता है कि हंगामा करने से आम जनता को क्या फायदा मिलेगा? ये भी कहना गलत है कि हंगामा करना बिल्कुल ही गलत है. हंगामा जरूरी भी है लेकिन हंगामें के साथ-साथ आमजन से जुड़े मुद्दों पर भी तो चर्चा सदन में ही होगी. क्योंकि सदन में ही चर्चा होगी तभी बात बनेगी. रही बात हंगामा करने की तो सरकार द्वारा ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां राजनेता या आम आदमी धरना प्रदर्शन कर सकता है, विरोध प्रदर्शन कर सकता है.
सदन के अंदर विरोध जताने का एक अच्छा तरीका ये है कि विपक्ष सरकार से तर्क-वितर्क करे, सवाल पूछे और उसके जवाब हासिल करे वो भी ऑन रिकॉर्ड. अगर चर्चा के बीच कोई भी राजनीतिक दल और खासकर मुख्य विपक्षी दल सदन से वाकआउट कर जाता है तो इसमें घाटा ना तो विधायक जी का होगा, ना तो पार्टी का होगा, ना विपक्ष का होगा और ना ही सरकार का होगा. इसमें अगर किसी का घाटा होगा तो वो है आम जनता. आम जनता के मुद्दों पर चर्चा करना ही मुख्य रूप से विपक्ष का काम होता है. ऐसे में आम जन से जुड़े सवाल पूछनेवाला विपक्ष ही अगर वाकआउट कर जाएगा तो सदन में आम जनता से जुड़े मुद्दों को कौन उठाएगा.
बिहार विधानसभा में विपक्ष का हंगामा
आज भी बिहार के दोनों सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बीजेपी ने मंत्री इसराइल मंसूरी को बर्खास्त करने की मां की और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सरकार से जवाब मांगा. विजय सिन्हा ने कहा कि मंत्री इसराइल मंसूरी का नाम हत्या में आया है. उन्होंने ये भी कहा कि पीड़ित परिवार से CM ने सारे कागजात खुद लिए. मृतक की मां धरने पर थाने में बैठी है और अब उसके दामाद को मारने की धमकी मिल रही है. इतना कहने के बाद बिना किसी चर्चा के बीजेपी ने सदन से वाकआउट कर दिया और पोर्टिको में आकर प्रदर्शन करने लगी.
विजय सिन्हा ने एक नागरिक की समस्या उठाई, सरकार से सवाल किए, विरोध भी जताया, जो कि वाजिब था, कानून व्यवस्था को लेकर सवाल पूछना भी जायज था लेकिन ये भी जायज होता कि उनके सवालों पर उन्हें सरकार के उत्तर को भी सुनना चाहिए था. उलूल-जुलूल जवाब ही सही लेकिन सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका खासकर विपक्ष के सामने देना चाहिए था. वाकआउट करके विपक्ष ने ही सरकार को ये कहने का मौका दे दिया है कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है.
HIGHLIGHTS
- BJP ने सवाल पूछने के बाद सदन से किया वाकआउट
- वाकआउट और हंगामें से आम आदमी को मिलेगा कौन सा लाभ?
- विपक्ष का सदन से बात-बात पर वाकआउट करना कितना सही?
Source : News State Bihar Jharkhand