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बिहार में सरकार बांट रही नियुक्ति पत्र, भाजपा ने बताया घोटाला

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार को जहां पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक समारोह में 10 हजार से अधिक सिपाहियों (कांस्टेबल) को नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं, वही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे इवेंट मैनेजमेंट बताते हुए इसे घोटाला तक बता रही है.  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने गांधी मैदान में हुए नियुक्ति पत्र वितरण समारोह की पोल खोलते कुछ पुराने मीडिया क्लिप्स जारी करते हुए कहा कि बिहार में शराब माफियाओं का घोटाला और नियुक्ति घोटाला दोनों एक साथ चल रहा है.

Updated on: 16 Nov 2022, 05:14 PM

पटना:

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार को जहां पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक समारोह में 10 हजार से अधिक सिपाहियों (कांस्टेबल) को नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं, वही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे इवेंट मैनेजमेंट बताते हुए इसे घोटाला तक बता रही है.  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने गांधी मैदान में हुए नियुक्ति पत्र वितरण समारोह की पोल खोलते कुछ पुराने मीडिया क्लिप्स जारी करते हुए कहा कि बिहार में शराब माफियाओं का घोटाला और नियुक्ति घोटाला दोनों एक साथ चल रहा है.

उन्होंने कहा कि आज फिर से पहले से नौकरी मिले हुए लोगों को गांधी मैदान में पुन: बुलाकर नौकरी दी जा रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को प्रतिदिन गांधी मैदान में शपथ लेना चाहिए. इससे अगले 100 दिनों में वे 108 वीं बार मुख्यमंत्री बन कर नियुक्ति की तरह एक नया मुख्यमंत्री घोटाला रिकॉर्ड बना सकते हैं. उन्होंने लिखा कि बिहार में सभी तरह के घोटालों की बहार है.

इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने चाचा- भतीजा के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर नई नौकरी देने का झूठा और फर्जी दावा करने का आरोप लगाया है.

बिहार सरकार पर नियुक्ति घोटाले या रिक्रूटमेंट फ्रॉड का आरोप लगाते हुए निखिल ने कहा कि पटना के गांधी मैदान में 16 नवंबर को जिन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को को नियुक्ति पत्र बाँटा गया, उनकी नियुक्ति एनडीए सरकार के दौरान ही हो गई है और वे प्रशिक्षण रहे हैं. बावजूद इसके सरकार ने उन्हें फिर से नियुक्ति पत्र बांटने का इवेंट मैनेजमेंट किया.

बिहार के एनडीए सरकार के दौरान पूरी हुई यह नियुक्तियां 2-3 साल पुरानी हैं. जिन पुलिसकर्मियों को नीतीश- तेजस्वी ने नियुक्ति पत्र दिया, उन सभी को पहले ही पत्र दिया जा चुका है. दारोगा को क्षेत्रीय डीआईजी और आईजी ने एक महीने पहले ही नियुक्ति पत्र दे दिया. वहीं सिपाही का जिले के एसपी की तरफ से ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था.

निखिल आनंद ने कहा कि इससे पूर्व 9000 के लगभग मेडिकल कर्मियों और पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों में भी पहले से ही नियुक्त हुए लोगों को दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर महागठबंधन सरकार ने इवेंट मैनेजमेंट किया गया था.

इसी कड़ी में सबसे दिलचस्प उदाहरण राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति का है जिसके तहत 2 अगस्त 2022 को बिहार के तत्कालीन भूमि सुधार मंत्री राम सुरत राय ने 4325 राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति की जिसकी नियुक्ति पत्र जिलाधिकारियों के माध्यम से बांटे गये थे. इनका जिला आवंटन हो चुका, पोस्टिंग की गई और पोस्टिंग को विभाग के वेबसाइट पर अपलोडिंग कर दिया गया था. इनको भी दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर इवेंट मैनेजमेंट बिहार सरकार ने किया.