एक ओर जहां लोग 21वीं सदी में चांद पर बसने के लिए जमीन खरीद रहे हैं. वैज्ञानिक पद्धति के जरिए तकनीक के माध्यम से नई चीजों की खोज कर रहे हैं, तो वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग आज भी अंधविश्वास के सहारे चल रहे हैं और झाड़-फूंक के ज़रिए जान जोख़िम में डाल रहे हैं. ऐसा ही कुछ नजारा बिहार के नालंदा जिले में देखने को मिला है. जहां जिले का एक मात्र आईएसओ प्रमाणित सदर अस्पताल बिहार शरीफ में मरीजों का इलाज डॉक्टर की जगह बाबा और तांत्रिक कर रहे हैं.
अस्पताल से गयाब थे डॉक्टर
आपको बता दें कि सोमवार को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में रात के 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अपने ड्यूटी से गायब थे. इस दौरान दर्जनों मरीज अपना इलाज कराने बिहार शरीफ सदर अस्पताल आए और उल्टे पांव लौट गए. हद तो तब हो गई जब बिहार शरीफ प्रखंड के ही नेवाजी बीघा गांव से एक व्यक्ति को घर में सोए अवस्था में जहरीले जीव ने काट लिया. जिसके बाद परिजनों ने व्यक्ति उदय कुमार को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया, लेकिन चिकित्सक के गायब होने के वजह से परिजनों ने बिहार शरीफ सदर अस्पताल में ही बाबा को बुलाकर इलाज करना शुरू कर दिया.
स्वास्थ व्यवस्था भगवान भरोसे
करीब एक घंटे तक बिहार शरीफ सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में नीम के टहनी के सहारे व्यक्ति का इलाज किया जा रहा था. एक घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में ओझा भगत के मंत्रोच्चारण से गूंजता रहा गनिमत यह रही कि चिकित्सक के गायब होने की वजह से पूरा इमरजेंसी वार्ड खाली था. अन्यथा अन्य मरीजों को भी इस झाड़-फूंक का सामना करना पड़ता. जैसे ही एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक पिंटू कुमार को सूचना मिली तो चिकित्सकों के द्वारा ओझा भगत को झाड़-फूंक करने से मना किया गया. एक ओर बिहार की सरकार स्वास्थ्य विभाग को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए मिशन 60 के बाद क्वालिटी के ज़रिए अस्पताल का सूरत तो बदल दिया, लेकिन सीरत जस की तस है. जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र में स्वास्थ व्यवस्था भगवान भरोसे है तो बाकी जगहों की आप अंदाज़ा लगा सकते हैं.
रिपोर्ट - शिव कुमार
HIGHLIGHTS
- नालंदा में मरीजों का इलाज कर रहे हैं बाबा और तांत्रिक
- चिकित्सक अपने ड्यूटी से थे गायब
- बिहार की स्वास्थ व्यवस्था भगवान भरोसे
Source : News State Bihar Jharkhand