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लव जिहाद पर गिरिराज सिंह के बयान से गरमाई सियासत, BJP-JDU में मतभेद

इन दिनों देश में 'लव जिहाद' का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और फिर उत्तर प्रदेश से होते हुए लव जिहाद का मुद्दा अब बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी गूंजने लगा है.

Updated on: 22 Nov 2020, 11:44 AM

पटना:

इन दिनों देश में 'लव जिहाद' का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और फिर उत्तर प्रदेश से होते हुए लव जिहाद का मुद्दा अब बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी गूंजने लगा है. बीजेपी शासित राज्य लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में लगे हैं तो बिहार में इस पर कानून लाने की मांग उठने लगी है. साथ ही इस मुद्दे पर बिहार में सियासी पारा चढ़ने शुरू हो गया है. ऐसा इसलिए कि बीजेपी की ओर से कानून लाए जाने के मांग की गई है, मगर उसके सहयोगी दल जदयू का रुख इससे ठीक विपरीत दिखाई पड़ रहा है.

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दरअसल, बिहार में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू करने का केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थन किया और दावा किया कि यह विषय देश के राज्यों में परेशानी का सबब बन गया है. भाजपा नेता ने नीतीश कुमार सरकार से अनुरोध किया कि वह यह समझे कि लव जिहाद और जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों का सांप्रदायिकता से कोई सरोकार नहीं है बल्कि ये तो सामाजिक समरसता के विषय हैं. उन्होंने कहा कि लव जिहाद को देश के सभी राज्यों में केवल हिंदुओं में नहीं बल्कि सभी गैर-मुस्लिमों में समस्या के तौर पर देखा जाना चाहिए.

गिरिराज सिंह के इस बयान पर जेडीयू-बीजेपी आमने-सामने आते दिख रहे हैं. केंद्रीय मंत्री की मांग पर जदयू ने कहा कि अगर कोई इस तरह के बयान देता है इस पर ज्यादा चर्चा की जरूरत नहीं है. जब गिरिराज सिंह के बयान को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने जवाब में कहा, 'ऐसे बयानों पर चर्चा मत करिए. कभी-कभी किसी के इस तरह के बयान आते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस पर चर्चा करनी है.'

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इससे पहले जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा कि हमारा विश्वास सद्भाव में है. संजय सिंह ने कहा, 'हमारे नेता (नीतीश कुमार) सभी धर्म और जाति के लोगों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं.' जदयू के प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार कभी दबाव की राजनीति नहीं करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर समाज को तोड़ने वाला कोई भी प्रस्ताव आता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.