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बिहार : गया के ग्रामीणों ने श्रमदान, चंदा इकट्ठा कर बना दी पुलिया

गया में ग्रामीणों ने श्रमदान, चंदा इकट्ठा करके पुल का निर्माण किया. गांव वालों ने बताया कई बार पुल की मांग करने पर नहीं बना तो हमने खुद ही पुल बनाने का काम शुरू कर दिया.

Updated on: 18 Sep 2020, 09:18 AM

गया:

बिहार के गया की पहचान ऐसे तो स्वादिष्ट तिलकुट और विश्व प्रसिद्घ पर्यटकस्थल के लिए है, लेकिन यहां के लोग जीवटता के लिए भी चर्चित रहे हैं. इसी गया की चर्चा दशरथ मांझी के पहाड़ काटकर रास्ता बनाने को लेकर हुई थी, उसी गया के वजीरगंज के बुद्घौल गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर एक पुलिया का निर्माण कर डाला. ग्रामीणों के मुताबिक, इस पुलिया के पाये का निर्माण तो 20-25 साल पहले हुआ था, लेकिन उसके बाद यह ऐसे ही पड़ा रहा. ग्रामीणों का कहना है कि 30 अगस्त को गांव में ही आमसभा हुई और पुलिस की तरफ से निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया और दूसरे ही दिन काम शुरू कर दिया गया. बुधवार को इस पुलिया का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा भी कर लिया गया.

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गांव वालों ने बताया कि इस पुल के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों, नेताओं और सरकार से मांग की जा चुकी है. लेकिन आज तक ये पूरा नहीं हुआ. इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही आपसी सहयोग से इसे बनाने का फैसला लिया. मंगुरा नदी पर बने इस पुल के संबंध में कहा जाता है कि, ऐसे तो नदी में पानी कम रहने के कारण लोग नदी पार कर लेते थे, लेकिन बरसात के दिनों में इस नदी का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ जाती थी. गांव के लोगों का कहना है कि पिछले साल इस नदी में दो लोग बह गए थे.

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वजीरगंज के रहने वाले समाजसेवी चितरंजन कुमार बताते हैं कि तीन महीने पहले इस गांव के लोगों ने उनसे इस संबंध में बात की थी. उसी समय से इसकी पहल प्रारंभ की गई. उन्होंने कहा कि शुरू में गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर निर्माण कार्य के लिए कुछ सामान खरीदा और जो लोग चंदा देने में समर्थ नहीं थे, वे श्रमदान कर पुलिया निर्माण में जुटे. उन्होंने बताया कि बुधवार को ढलाई का कार्य संपन्न हुआ है, बचा निर्माण कार्य दो-चार दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही बताया कि यह पुलिया वजीरगंज, अतरी विधानसभा को जोड़ती है, साथ ही मदरडीह और बुद्घौल गांव को भी जोड़ती है.

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बता दें कि गया के लौंगी भुइयां भी इन दिनों चर्चा में हैं. उन्होंने इमामगंज और बांकेबाजार की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए पांच किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली. भुइयां ने 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी, चार फुट चौड़ी और तीन फुट गहरी नहर की खुदाई कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा दिया. इस मामले को लेकर वजीरगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.