Gopalganj lok sabha 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में सभी राजनीतिक पार्टियां जुट चुकी है. चुनाव को लेकर रणभेजी बज चुकी है और NDA बनाम INDIA को लेकर सियासत तेज हो चुकी है. वहीं, लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के 40 लोकसभा सीटों पर भी सबकी नजरें टिकी हुई है. बिहार में लोकसभा सीटों की बात करें तो गोपालगंज की अहम भूमिका है. इस जिले ने राज्य को तीन सीएम दिया है, बावजूद इसके आज भी जिले के ग्रामीण इलाके के लोग विकास के लिए तरस रहे हैं. गोपालगंज गंडक, गन्ना और गुंडा के लिए जाना जाता था.
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बता दें कि गोलापगंज बिहार के उत्तर बिहार का अंतिम जिला है और यह पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. गोपालगंज जिले से होकर गंडक नदी बहती है, जिस वजह से हर साल गंडक नदी यहां बाढ़ लेकर आती है. जिले में मुख्य रूप से गन्ने की खेती की जाती है. वहीं, जिले में अपराधियों का भी काफी बोलबाला रह चुका है. जिस वजह से इसे कभी गंडक, गन्ना और गुंडा के लिए जाना जाता था.
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गोपालगंज ने दिए तीन CM
गोपालगंज जिले की बात करें तो यह प्रदेश का इकलौता ऐसा जिला है, जिसने राज्य को तीन सीएम दिए हैं. जिसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अब्दुल गफूर शामिल हैं. गोपालगंज की राजनीतिक विरासत तो काफी समृद्ध रही है. बता दें कि 2 अक्टूबर, 1973 को गोपालगंज अलग जिले के रूप में अस्तित्व में आया.
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राजनीतिक इतिहास
गंडक, गन्ना और गुंडा, इन तीन चीजों से घिरे इस प्रदेश का राजनीतिक इतिहास भी कांटे से भरा रहा है. यहां पर राजनीतिक समीकरण की बात करें तो साल 1980 लोकसभा चुनाव के बाद कभी भी कोई चेहरा लगातार दो बार जीत दर्ज करने में सफल नहीं रहा है. यहां हर लोकसभा चुनाव में नए चेहरे को चुनकर संसद भेजा जाता है. इस तरह से हम कह सकते हैं कि 43 साल से यहां नए उम्मीदवार को चुनकर संसद भेजने की प्रक्रिया चली आ रही है.
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क्या कहता है रिपोर्ट कार्ड
1980 नगीना राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984 काली प्रसाद पांडे, स्वतंत्र
1989 राज मंगल मिश्रा, जनता दल
1991 अब्दुल गफूर, राष्ट्रीय जनता दल
1996 लाल बाबू प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल
1998 अब्दुल गफूर, समता पार्टी
1999 रघुनाथ झा, समता पार्टी
2004 अनिरुद्ध प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2009 पूर्णमासी राम, जनता दल (यूनाइटेड)
2014 जनक राम, भारतीय जनता पार्टी
2019 डॉ. आलोक कुमार सुमन, जनता दल यूनाइटेड
गोपालगंज लोकसभा सीट के अंदर 6 विधानसभा क्षेत्र
गोपालगंज लोकसभा सीट की बात करें तो इसके अंदर 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें गोपालगंज, बरौली, बैकुंठपुर, भोरे, कुचायकोट, हथुआ विधानसभा शामिल है.
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जातीय समीकरण
गोपालगंज में जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम, यादव के अलावा ब्राह्मण, कुर्मी, भूमिहार, राजपूत, कुशवाहा और महादलित सुमदाय के लोग रहते हैं. यहां पर रहने वाले सभी समुदाय के लोग चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं और थोड़ी सी चूक से भी चुनावी बाजियां पलट जाती है. साल 2009 में गोपालगंज लोकसभा सीट को भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में NDA या INDIA कौन बाजी मारता है.
HIGHLIGHTS
- गंडक, गन्ना और गुंडा
- गोपालगंज सीट का समीकरण
- कोई भी प्रत्याशी नहीं बन सका दोबारा सांसद
Source : Vineeta Kumari