15 अगस्त पर बनेगा गजकेसरी योग, जिसके बाद देश-प्रदेश में होगी तरक्की

भारत की स्वतंत्रता में एक और वर्ष के इजाफे के बीच देश में हर कोई आने वाले समय को लेकर काफी उत्सुक है.

भारत की स्वतंत्रता में एक और वर्ष के इजाफे के बीच देश में हर कोई आने वाले समय को लेकर काफी उत्सुक है.

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Rashmi Rani
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारत की स्वतंत्रता में एक और वर्ष के इजाफे के बीच देश में हर कोई आने वाले समय को लेकर काफी उत्सुक है. ऐसे में जहां देश की तरक्की के लिए लोग कामना कर रहे हैं. 15 अगस्त से शुरू हो रहे देश की आजादी के नए साल को लेकर काफी आश्वस्त दिख रहे हैं. आजादी की रात यानि 14 और 15 अगस्त की दरमियानी रात आजाद हुए भारत की रात 12 बजे बनी कुंडली के मुताबिक आने वाला साल देश के लिए कई मामलों में विशेष रह सकता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सोमवार 15 अगस्त के दिन मीन राशि में गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भी है. इस बार संकष्टी चतुर्थी 15 अगस्त की पड़ रही है और साथ ही मीन राशि में अतिशुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस लिहाज से ये दिन बेहद खास महत्व रखने वाला है. 

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ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को सबसे बलवान और भाग्य को बदलने वाला माना गया है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 15 अगस्त के दिन है. इस दिन गणपति की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा-पाठ और व्रत आदि रखते हैं. इस दिन उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा. इस दिन धृति योग रात 11:22 मिनट तक रहेगा. नीतीश कुमार की शपथ ग्रहण कुंडली में चंद्रमा धनु राशि में स्थिर नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में होकर प्रीति योग से संपन्न हैं. जो नीतीश के लिए बेहद शुभ स्थिति को दर्शा रहा है. चंद्रमा से चौथे घर में गुरु का अपनी स्वयं की राशि मीन में होना एक अच्छा 'गजकेसरी योग' बना रहा है. 

गणेश जी का मिलेगा आशीर्वाद
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि 15 अगस्त को चंद्रमा और देवगुरु बृहस्पित को साथ होने से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही इस दिन संकष्टी चतुर्थी होने के कारण गणपति का भी आशर्वाद मिलेगा. गणेश जी को समृद्धि और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है. एक साथ इस दिन कई संयोग होने के कारण इस दिन का धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 15 अगस्त के दिन है. इस दिन गणपति की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा-पाठ और व्रत आदि रखते हैं. इस दिन उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा. इस दिन धृति योग रात 11:22 मिनट तक रहेगा.

आजाद भारत की कुंडली
डॉ अनीष व्यास ने बताया कि 14 और 15 अगस्त 1947 की दरमियानी रात 12 बजे स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार यह वृषभ लगन की जन्म कुंडली है जिसमें लगन में राहु मौजूद हैं जबकि मंगल द्वितीय भाव यानि मिथुन राशि में है. वहीं, इस कुंडली के तृतीय भाव में सूर्य चंद्र शनि बुध शुक्र ये पांच ग्रह कर्क राशि में बैठे हैं. इसके बाद तुला राशि के छठे भाव यानि रोग और शत्रु भाव में गुरु हैं. जबकि सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में केतु बैठे हैं. ग्रह गोचर को देखे तो स्वतंत्र भारत की कुंडली नंबर 2 राशि वृष लग्न और कर्क राशि की है. लग्न और लग्नेश की चर्चा करे तो वृष लग्न में राहू विराजमान है. लग्नेश का स्वामी शुक्र है. शुक्र गृह को कला, सौन्दर्य, रचना, संगीत का कारक माना जाता है यही कारण है भारत का सिनेमा विश्व प्रसिद्ध है. यहां की कला की विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान है. परंतु लग्न का राहू देश की राजनीति में उठापटक करता है. साथ ही ये भारत के प्रधानमंत्री को अति महत्वकांशी भी बनाता है. कुंडली के दूसरे भाव की बात करें तो नंबर 3 राशि मिथुन पड़ती है. यहां मंगल स्थित है, कुंडली का यह दूसरा भाव दिशाओं से भारत की नार्थ वेस्ट को दर्शाता है. जहां भारत का कश्मीर भाग आता है वहां बार-बार समस्याएं पैदा होती रहती है और समय-समय पर यह युद्ध की स्थितियां बनाती है और अस्थिरता होती है परंतु स्थिर लग्न होने के कारण भारत उन पर बखूबी काबू पा सकता है.

कुंडली में जिस स्थान विशेष पर एक से अधिक ग्रहों की स्थिति हो वह भाव विशेष हो जाता है. भारत की कुंडली में वह भाव है कुंडली का तृतीय भाव जहां कर्क राशि में सूर्य, चंद्र, शनि, बुध, शुक्र ये पांच ग्रह बैठकर पंचग्रही योग बना रहे हैं. कुंडली में पराक्रम, बल और शक्ति का भाव यहीं होता है. यहां ग्रहों की स्थिति भारत को विश्व में पराक्रमी बनाती है. तृतीय भाव स्थित शनि की बात करे तो भारत को आजादी शनि की महादशा में प्राप्त हुई थी. सूर्यपुत्र शनि की महादशा में 1947 से 1965 तक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धों में भारत को सफलता प्राप्त हुई.

चौथे भाव में कोई ग्रह स्थित नहीं है. परंतु यदि यहां पर हम राशि का विचार करें तो सिंह राशि आती है. सिंह राशि पराक्रम और शौर्य के देवता सूर्य देव की राशि है. भारत की मातृभूमि विश्व में शौर्य भूमि के नाम से विख्यात हुई. पांचवे भाव की बात करें तो यहां भी कोई ग्रह उपस्थित नहीं है. राशि आती है कन्या जो कि भारत को औषधियों का ज्ञाता बनाती है. आयुर्वेद और जड़ी बूटियों का इतिहास भारत को विश्व में सबसे अलग बनाता है. किसी भी कुंडली का छठा भाव रोग, शत्रु और कर्ज का होता है. यहां गुरु की स्थिति बताती है कि भारत में धर्म को लेकर हमेशा ही कुछ न कुछ विवाद बना रहेगा. साथ ही यह कर्ज का भी भाव है इसी कारण देश में किसी न किसी रूप मे कर्ज सदैव बना रहेगा. सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में केतू स्थित है कुंडली का यह भाव संकेत करता है कि स्त्रियों से संबन्धित अंदोलन और कानूनों मे समय समय पर बदलाव आएगा. समय के साथ देश में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा. वर्तमान मे भारत पर चंद्रमा की महादशा चल रही है. स्वतंत्र भारत की कुंडली में चंद्रमा अनुकुल है.

भारत करेगा तरक्की
डॉ अनीष व्यास ने बताया कि 15 अगस्त 2022 से शुरु हो रहे समय के संबंध में आजाद भारत की कुंडली के आधार पर ये वर्ष भारत के लिए काफी विशेष दिख रहा है. मंगल सूर्य गुरु बुध सहित विभिन्न ग्रहों के प्रभाव से इस दौरान जहां भारत की धाक देश विदेश में देखने को मिलेगी. वहीं, आर्थिक मोर्चों पर भी इस समय देश लगातार तरक्की करते हुए नए नए कीर्तिमान बना सकता है. बस मेहनत से हमें कमजोर नहीं होना होगा. भारत को कोई बड़ा सम्मान मिलता भी दिख रहा है. इस दौरान सरकार नई योजनाओं के साथ ही कुछ नए कानून भी ला सकती है. देश में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा. वहीं, विपक्ष भी अपने को मजबूत बनाने की कोशिश करता दिखेगा. राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी संगठन में बड़ा परिवर्तन हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख विश्व में और अधिक बढ़ेगी. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की संभावना के बीच देश के सामने कई चुनौतियां भी अपना सिर उठाएंगी, लेकिन इन चुनौतियों का डटकर सामना करके इन्हें हटाया जाएगा. इस समय सुरक्षा एजेंसियों को बेहद सतर्क रहना होगा. वहीं, राजनीति में नेताओं के बोलो में गिरावट देखने को मिल सकती है जबकि देश आर्थिक उन्नति के साथ ही आर्थिक प्रगति के रास्ते पर अग्रसर रहेगा. प्रदर्शन, जुलूस, आंदोलन, कोर्ट कचहरी, मुकदमा, रेल दुर्घटना, पुलिस, बैंक, विदेश नीति, ज्वालामुखी, मनोरंजन, कॉमेडी, डांसर, भूमि विवाद सभी चर्चा में रहेंगे यानि कोई कोई विवाद आंदोलन होगा. प्राकृतिक आपदा के साथ दुर्घटनाएं अग्नि कांड और बीमारी की संभावना है.

इस दौरान कुछ राजनेता विदेशों में दौरा करके देश के सम्मान में इजाफा कर सकते हैं. सरकार नई परियोजनाएं ला सकती है, जिसके काफी फायदेमंद साबित होने की संभावना है. अपराधों में वृद्धि की संभावना वो भी खास कर महिला अपराधों में रहेगी. जबकि नौकरी पेशा लोगों को इस समय कुछ लाभ की संभावना है. देश विरोधी इस समय कुछ षण्यंत्र रच सकते हैं. समय खास मेहनत का रहेगा इस दौरान हम आपने प्रयासों से ही हर कार्य में जीत हासिल करने में सक्षम हो सकेंगे. इस समय किसी आगजनी या दुर्घटना जैसा बड़ा मामला भी समाने आ सकता है. विपक्ष भी मजबूती की ओर बढ़ता दिख रहा है. जबकि इसके बाद के माह में देश की आय में वृद्धि के संकेत के बीच कुछ नए विधेयक आने की संभावना है. जल या जल सीमा को लेकर कुछ खास निर्णयों के साथ ही भारत का विदेशी संपर्क बहुत तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. आतंकवाद देश में एक बार फिर सिर उठाने की कोशिश कर सकता है. बैंक से जुड़ी कुछ नई गतिविधियां भी देखने को मिल सकती हैं. इस समय सरकार राहत प्रदान करती दिखेगी.

Source : News Nation Bureau

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