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बेरोजगारी पर बिहार में घमासान, ट्विटर पर भिड़े तेजस्वी यादव और सुशील मोदी

बिहार में बेरोजगारी को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है. विधानसभा ही नहीं, बल्कि सदन के बाहर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर हमले बोल रहे हैं.

Updated on: 29 Nov 2019, 01:49 PM

पटना:

बिहार में बेरोजगारी को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है. विधानसभा ही नहीं, बल्कि सदन के बाहर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर हमले बोल रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार के मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच ट्विटर वॉर छिड़ा हुआ है. शुक्रवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सुशील मोदी पर पलटवार किया.

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दरअसल, बेरोजगारी को लेकर राजद ने गुरुवार को बिहार विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था. जिस पर सुशील मोदी ने राजद को घेरा था. शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने पलटवार किया और कहा, 'श्रीमान जी (सुशील कुमार मोदी) आप 15 साल से सत्ता की मलाई चाट घंटा बजा रहे है क्या ? आपकी सरकार के अपने आंकड़े कह रहे हैं 45 साल में सबसे ज़्यादा बेरोजगारी दर आपके शासनकाल में बढ़ी है. कभी अपने किसी भी ट्वीट के नीचे आए किसी भी कॉमेंट्स को पढ़ लेना, ज्ञान चक्षु खुल जाएंगे.'

इससे पहले मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, 'अक्सर विधानसभा के छोटे सत्र की शिकायत करने वाले विरोधी दलों ने पांच दिन के शीतकालीन सत्र में जनहित के किसी भी सवाल का उत्तर सुनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. जो लोग विरोध के लिए विरोध करते रहे और प्रधानमंत्री मोदी की स्मार्ट सिटी योजना के खिलाफ स्मार्ट गांव की बात कर चेहरा चमका रहे थे, उन्होंने गांव की सड़कों से संबंधित 92 सवालों पर सरकार को जवाब ही नहीं देने दिया. विरोधी दल यदि केवल मीडिया में प्रचार पाने के लिए सदन को चलने नहीं देते तो वह अपनी संवैधानिक भूमिका के साथ न्याय नहीं करता है.'

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सुशील मोदी ने आगे लिखा, 'लालू प्रसाद की पार्टी जब 15 साल तक सत्ता में रही, तब उसने बेरोजगारी दूर करने के लिए एक भी योजना लागू नहीं की. इसके विपरीत हत्या, सड़क लूट और फिरौती के लिए उद्यमियों-व्यापारियों के अपहरण की घटनाओं पर चुप्पी साध कर अर्थव्यवस्था को चौपट होने दिया गया, जिससे बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ी.' उन्होंने आगे लिखा, 'जिनके शासनकाल में लाखों बेरोजगारों को पलायन करना पड़ा, वे आज उस मुद्दे पर कार्यस्थगत प्रस्ताव लाने का नोटिस दे रहे हैं.' डिप्टी सीएम ने कहा कि राजद की राजनीति बिहार के विकास-स्थगन और रोजगार-उन्मूलन की सबसे बड़ी गुनहगार है.

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