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पूर्व CM जीतन राम मांझी का बड़ा बयान, सुधाकर सिंह को बताया भाजपा का एजेंट

गया में बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर काम गलत हुआ तो गलत को सुधारने के लिए ही मंत्रालय और मंत्री दी जाती है.

Updated on: 13 Jan 2023, 02:08 PM

highlights

  • रामायण की निंदा करना उचित नहीं- मांझी
  • सुधाकर सिंह को मांझी ने बताया भाजपा का एजेंट
  • शरद यादव की कमी की भरपाई करना मुश्किल

Gaya:

गया में बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर काम गलत हुआ तो गलत को सुधारने के लिए ही मंत्रालय और मंत्री दी जाती है. उसे सुधारना चाहिए था, सीएम से बात करनी चाहिए थी. पलायनवादी नीति को अपनाते हुए मंत्री पद से त्याग दे दिया और जब मंत्री पद त्याग ही दिया तो अनेक प्रकार की बेतूकी बातें कर रहे हैं. उनको महागठबंधन से संबंध विच्छेद कर बोलना चाहिए. महागठबंधन में रहकर इस तरह की बातें करने से अनुशासन हीनता बढ़ती है. महागठबंधन की सरकार है तो नीतीश कुमार सीएम और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव है. अगर यह भावना रहती है तो सरकार पर संकट आ सकती है.

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सुधाकर सिंह को मांझी ने बताया भाजपा का एजेंट
अगर महागठबंधन के साथ सुधाकर सिंह हैं, तो ऐसी संकट नहीं लानी चाहिए. अगर भाजपा के एजेंट हैं तो वह अपना काम ठीक से कर रहे हैं और करते रहना चाहिए. महागठबंधन के हित के लिए अच्छा नहीं कर रहे हैं. हम अगर महागठबंधन के बारे में कुछ भी बोले तो यहां मेजर विरोधी पार्टी भाजपा है. ऐसी कोई हरकत हमें नहीं करनी चाहिए कि भाजपा को फायदा मिले. सुधारकर सिंह जो भी कर रहे हैं, उससे भाजपा को फायदा मिल रहा है. इसलिए कह रहे हैं कि महागठबंधन में हैं तो इसका पालन कीजिए.

रामायण की निंदा करना उचित नहीं- मांझी
वहीं, शिक्षा मंत्री के द्वारा रामचरितमानस पर विवादित बयान पर कहा कि हमने अखबारों के माध्यम से जानकारी मिली है. सभी चीज का दो पक्ष होता है. रामायण को काव्य मानते हैं, इसमें अनेक नीतियां हैं. हमें धर्म पर चलना सिखाती है. गलतफहमी से ऐसी कुछ बातें आई हैं, जिसका उदाहरण दिया है तो ऐसे में बबाल नहीं होना चाहिए. कुछ बातें रामचरित मानस में है, जिन्हें नकारा जा सकता है. रामचरितमानस के दोहे को दोहराते हुए कहा कि यह सब बातें हैं तो कहां से आ गयी. कहने का मतलब है कि कही ना कही कुछ बातें आयी है. रामायण की निंदा करना उचित नहीं है.

शरद यादव की कमी की भरपाई करना मुश्किल
वहीं शरद यादव के निधन पर संवेदना प्रकट करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि शरद यादव से काफी नजदीकी संबंध रहे हैं. राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से हाल में ही मिले थे. इसके साथ ही कहा कि राजनीत जगत में एक समाजवादी नेता का निधन हुआ है, जिसकी कमी की भरपाई करना मुश्किल होगा.