महागठबंधन टूटने से नाराज राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ‘जनादेश अपमान यात्रा’ की शुरुआत की है। उनका कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ जाना जनादेश के खिलाफ है।
तेजस्वी के साथ उनके भाई तेज प्रताप यादव और बिहार ईकाई के अध्यक्ष रामचंद्र पुरबे भी थे।
उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा, 'एक ऐसे आदमी (नीतीश कुमार) के नेतृत्व में हमने काम किया जिसने हर किसी को धोखा दिया है। इसके लिये हमने महात्मा गांधी से माफी मांगी।'
तेजस्वी इस यात्रा के दौरान बिहार के सभी क्षेत्रों का दौर करेंगे और नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ जाने के खिलाफ जनता से संवाद करेंगे।
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मोतिहारी में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होने के बावजूद आरजेडी ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया।
उन्होंने कहा कि लालू यादव ने ही नीतीश कुमार को नेता बनाया था। उन्होंने कहा कि 2015 का जनादेश महागठबंधन को था ना कि किसी व्यक्ति या फिर किसी पार्टी का।
तेजस्वी यादव की यात्रा का मकसद पटना में 27 अगस्त को होने वाली रैली के लिये पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लाना है। साथ ही नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ मिल जाने के खिलाप भी वो जनता को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा, 'वो (नीतीश कुमार) उन लोगों के साथ गए जिन लोगों ने उनके डीएनए पर सवाल उठाए थे।'
उन्होंन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस भाषण का भी ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार के बारे ये बाते कहीं थी।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नीतीस कुमार को महागठबंधन को खत्म करने का बहाना चाहिये था और उन्होंने एक बहाना ढूंढा और बीजेपी के साथ चले गए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश अगर मेरा इस्तीफा मांगते तो महागठबंधन बचाने के लिए मैं इस्तीफा दे देता। लेकिन नीतीश कुमार में हिम्मत नहीं थी कि वो मेरा इस्तीफा मांगते।
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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर उनके घर पर रेड करवाया और झूठा मुदकमा करवाया। लेकिन इन लोगों की पोल खुलेगी।
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Source : News Nation Bureau