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बिहार में बाढ़ का कहर, जलप्रलय की चपेट में कई शहर, सैकड़ों एकड़ फसले हुई बर्बाद

बिहार में बीते दिनों हुई लगातार बारिश के बाद कई नदियों उफान पर है. जिसके चलते कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

Updated on: 11 Oct 2022, 05:54 PM

Patna:

बिहार में बीते दिनों हुई लगातार बारिश के बाद कई नदियों उफान पर है. जिसके चलते कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गोपालगंज, छपरा और हाजीपुर समेत तमाम जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. सैंकड़ों घर जलसमाधि ले चुके हैं. बाढ़ ने इंसानों के साथ बेजुबानों का भी जीना मुहाल कर दिया है. बिहार में आफत की बारिश लोगों पर कहर बनकर बरस रही है. लगातार बारिश के बाद तमाम नदी और नाले उफान पर है, जहां तक नजर जाती है सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है. राज्य के कई जिले बाढ़ से प्रभावित है. निचले इलाकों में बसे गांव जल समाधि ले चुके हैं.

गोपालगंज में गंडक नदी पूरे शबाब पर है. नदी के तेज दबाव के चलते सिधवलिया के बंजरिया में रिंग बांध टूट गया. इस बांध के टूटने से सारण मुख्य बांध पर भी गंडक नदी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. बांध टूटने के साथ ही निचले इलाके के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं. 2 दिन पहले ही नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बाल्मीकि नगर बैराज से करीब साढे 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. ये पानी अब गोपालगंज में क्रॉस कर रहा है. आलम ये है कि कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.

छ्परा के सारण तटबंध के निचले इलाके पानापुर, तरैया जैसे इलाकों में लगातार हो रही बारिश से नदियों के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है. नदी किनारे बसे दर्जनो गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है. निचले हिस्से के करीब सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. निचले इलाके में रहने वाले लोग मजबूर होकर ऊंचे जगहों पर जा रहे हैं ताकि जान माल की सुरक्षा की जा सके. बाढ़ से इंसानों के साथ बेजुबानों का भी जीना मुहाल कर दिया है.

हाजीपुर में भी नदियों का जलस्तर शासन-प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन रहा है. जिले के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. खासकर गंडक नदी के किनारे बसे गांव में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कई सौ एकड़ जमीन की फसलें बर्बाद हो चुकी है. पशु पालकों को अब मवेशियों के लिए चारा भी मुश्किल से मिल रहा है. बाढ़ का पानी पिरापुर, केशवपुर, ईतवारपुर और जलालपुर को पूरी तरह आगोश में ले चुका है. जिले के निचले इलाकों में बसे गांव पूरी तरह जलसमाधि ले चुके हैं.

बिहार में ज्यादातर जिले बाढ़ की त्रासदी को झेल रहे हैं. किसानों की फसलें तबाह हो चुकी है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिल रही है. लोग जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि शासन-प्रशासन इन इलाकों में सरकारी मदद मुहैया कराए.