logo-image

बिहार के 16 जिलों में बाढ़ का कहर, गंगा और बुढ़ी गंडक नदियां उफान पर

मालीपुर गांव पूरी तरीके से गंगा और गंडक में आई बाढ़ के कारण पिछले कई दिनों से जलमग्न है. पूरे गांव में 4 से 5 फीट पानी भरा हुआ है और आसपास केले की फसल भी पानी में डूबी हुई है.

Updated on: 18 Aug 2021, 04:36 PM

highlights

  • कुल 16 जिले बाढ़ की वजह से बुरी तरह प्रभावित हैं
  • बाढ़ ने वैशाली जिले के हाजीपुर में केले की फसल को पूरी तरीके से बर्बाद कर दिया
  • पूरे गांव में 4 से 5 फीट पानी भरा हुआ है और आसपास केले की फसल भी पानी में डूबी हुई है

पटना :

बिहार में बाढ़ ने विक्राल रूप ले लिया है. गंगा और बूढ़ी गंडक नदी उफान पर है. कुल 16 जिले बाढ़ की वजह से बुरी तरह प्रभावित हैं.  क्या वैशाली, मुंगेर, भोजपुर या फिर कटिहार, पूर्णिया, सभी जगह बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है और इलाके जलमग्न हो चुके हैं. गंगा और गंडक नदी में आई बाढ़ ने इस बार वैशाली जिले के हाजीपुर में केले की फसल को पूरी तरीके से बर्बाद कर दिया है. हालात ऐसे हैं कि लोदीपुर और मालीपुर इलाकों में केले की फसल पानी में डूब गई है और इसके कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वैशाली में केले की फसल पर बाढ़ की कितनी मार पड़ी है. जो तस्वीरें सामने देखने को मिलीं वो परेशान करने वाली रहीं.

यह भी पढ़ेः बिहार में कई स्टेशनों पर गंगा की बाढ़ का 'रेड अलर्ट' जारी किया

मालीपुर गांव पूरी तरीके से गंगा और गंडक में आई बाढ़ के कारण पिछले कई दिनों से जलमग्न है. पूरे गांव में 4 से 5 फीट पानी भरा हुआ है और आसपास केले की फसल भी पानी में डूबी हुई है. इसकी वजह से सैकड़ों किसानों की केले की फसल बर्बाद हो गई है और जो थोड़ा बहुत उसमें से वह बच गया है, उसे बाजार में बेच दो पैसा कमाने की कोशिश है. वही सीएम नीतीश कुमार ने अब जमीन पर जा दौरा करना भी शुरू कर दिया है. मंगलवार को भागलपुर और बेगूसराय का एरियल सर्वे करने वाले नीतीश कुमार ने आज पूर्णिया और कटिहार का दौरा किया. उनकी तरफ से जमीन पर स्थिति का जायजा तो लिया ही गया, इसके अलावा राहत कार्य की भी समीक्षा की गई. अभी के लिए पटना में गंगा का कहर थोड़ा कम होना शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में यहां स्थिति फिर सामान्य होने लगेगी. लेकिन बिहार के वैशाली में स्थिति बद से बदतर होती दिख रही है. वैशाली में बड़े स्तर पर केले की खेती होती है, लेकिन अब सबकुछ तबाह हो चुका है. 

यह भी पढ़ेः बिहार में बाढ़ से कई ट्रेनें कैंसिल, रूट में भी बदलाव, फटाफट देख लें लिस्ट

मालीपुर गांव निवासी अखिलेश कुमार ने कहा “केले की फसल पानी में बह गई है. बचा हुआ केला बाजार में बचेंगे तो दो पैसा कमाएंगे जिससे घर परिवार खाना खाएगा. घर और फसल सब डूब गया है” मालीपुर गांव के निवासी अखिलेश कुमार ने कहा इलाके में आई बाढ़ की वजह से आम आदमी ही नहीं बल्कि पशु और मवेशी भी बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं. मालीपुर से एक अन्य निवासी रमेश कुमार को बाढ़ के पानी के बीच केले के थम्ब से बनी जुगाड़ नाव पर पशु का चारा लेकर गांव की ओर जाते हुए देखा गया. रमेश कुमार ने कहा “पिछले आठ-दस दिनों से पूरा इलाका जलमग्न है. मवेशियों के लिए हम लोग चारा इसी तरीके से लेकर जाते हैं. कई दिनों से ऐसी ही स्थिति हुई है. बता दें कि अभी बिहार में बाढ़ की वजह से 34 लाख लोग प्रभावित हैं. 16 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता के लिए कुछ घोषणाएं की गई हैं, लेकिन जमीन पर स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है.