पहले तेजस्वी ने डोरे डाले, अब श्याम रजक मिले चिराग पासवान से, RJD पका रही सियासी खिचड़ी?
लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद राजद को चिराग के आगे उजाला नजर आ रहा है. पहले तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान पर महागठंधन का हिस्सा बनाने के लिए डोरे डाले. अब बात मेल जोल तक पहुंच चुकी है.
highlights
- बिहार की राजनीति में दांव पेंच का खेल
- चिराग के आगे उजाला तलाश रही RJD
- साथ लाने के लिए चिराग पर डाले डोरे
नई दिल्ली/पटना:
बिहार की राजनीति में दांव पेंच का खेल चल रहा है. सियासत के बुलबुलों से कब और कौन सा करिश्मा हो जाए यह कोई नहीं जानता. मगर ये सच है कि जहां आग लगती है, वहां धुआं जरूर दिखाई पड़ता है. कुछ यही आजकल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अंदर हो रहा है. एक ओर जहां लोजपा की कमान को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान में लड़ाई जारी है, तो दूसरी ओर अन्य दल अपने-अपने तरीके से इसका सियासी लाभ उठाने में जुटे हैं. केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी ने अलग गुट सांसद पशुपति पारस को मंत्रीपद देकर पीठ पर हाथ फेर दिया है तो राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद अब लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान पर डोरे डालने में लगी है. यही वजह है कि राजद के नेता श्याम रजक ने दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात की है.
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लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद राजद को चिराग के आगे उजाला नजर आ रहा है. पहले तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान पर महागठंधन का हिस्सा बनाने के लिए डोरे डाले. अब बात मेल जोल तक पहुंच चुकी है. राजद नेता श्याम रजक ने दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात की. बताया जाता है कि तेजस्वी के आदेश पर श्याम रजक दिल्ली पहुंचे और जहां वह चिराग से मिले हैं. मुलाकात के दौरान सियासी मुद्दे पर चर्चा हुई है. चिराग पासवान के आवास पर यह मुलाकात हुई है. इसको लेकर अब सियासी अटकलों ने तेजी पकड़ ली है. ऐसा कहा जा रहा है कि चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने के लिए राजद सियासी खिचड़ी पका रही है.
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ऐसा इसलिए भी है कि चिराग पासवान से पहली बार राजद के किसी बड़े नेता ने मुलाकात की है. मौजूदा वक्त में इन मुलाकातों को राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे पहले बीते दिनों तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को 'भाई' बताते हुए साथ आने का न्योता इशारों में दिया था. तेजस्वी ने कहा था कि चिराग भाई को तय करना है कि वे आरएसएस के बंच ऑफ थॉट्स के साथ रहना है या बाबा साहब के संविधान के साथ रहना चाहते हैं. इस दौरान तेजस्वी यादव यह भी याद दिलाना नहीं भूले कि किस तरह राजद द्वारा लोजपा पर उपकार किए गए.
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