कटिहार में जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से आज भी ग्रामीण चचरी पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं. जनप्रतिनिधि चुनावी मौसम में वादा तो करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही अपने ही क्षेत्र का रास्ता भूल जाते हैं. नदी के बीचों बीच बना चचरी पुल जर्जर हो चुका है, लेकिन इस पर आवाजाही नहीं रुकती. हादसे का डर तो पल-पल सताता है, लेकिन ग्रामीणों के पास ना तो आवाजाही के लिए दूसरा रास्ता है और ना ही कोई और चारा. कुछ है तो वो है चुनावी वादे और नेताओं के आश्वासन जिसका लॉलीपॉप थामे गांव वाले आज भी टकटकी लगाए विकास की राह देखते हैं.
चचरी पुल के सहारे 'जिन्दगी'
साल बदला, सत्ता बदली, सियासत बदली और सियासतदान भी बदल गए, लेकिन जनता की बदहाली की तस्वीर और तकदीर नहीं बदली. कटिहार के प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों के लिए दंश बन गई है. हर दिन इस पुल को पार करना एक जंग लड़ने जैसा होता है और गांव के बच्चे हो या बूढ़े हर कोई इस जंग को हर दिन लड़ता है. जान को जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं.
पल-पल सताता है हादसे का डर
प्राणपुर प्रखंड के दक्षिणी लालगंज पंचायत और अमदाबाद के बैदा पंचायत में नया टोला के पास सालों से चचरी पुल के सहारे लोग आवाजाही करते हैं. यहां के लोग लंबे समय से पुल निर्माण की गुहार कर रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. विधायक ग्रामीणों पर सिर्फ तभी अपनी नजर-ए-इनायत करते हैं जब चुनाव का मौसम आता है. बाकी जनता को भगवान भरोसे रहती है. महादेवपुर और नयाटोला के ग्रामीण हर दिन इस परेशानी से दो-चार हो रहे हैं. विधायक हो या पंचायत के जनप्रतिनिधि सभी सिर्फ आश्वासन देते हैं. इन पर सुनवाई कितनी होती है ये तस्वीरों से साफ है.
उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर
प्राणपुर प्रखंड की जनता सालों से चुनावी वादे और आश्वासन के भंवरजाल में फंसी है. अब ऐसे में देखना ये होगा कि खबर दिखाने के बाद भी ग्रामीणों की परेशानी पर शासन-प्रशासन की नजर जाती है या नहीं और जनप्रतिनिधि या अधिकारी ग्रामीणों की मांग पर सुनवाई करते हैं या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा.
रिपोर्ट : जयप्रकाश भगत
HIGHLIGHTS
- चचरी पुल के सहारे 'जिन्दगी'
- पल-पल सताता है हादसे का डर
- उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर
- ना सुरक्षा की फिक्र.. ना विकास की चिंता
Source : News State Bihar Jharkhand