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मोकामा में चूहों और कीड़ों से परेशान किसान, फसलों को तैयार होने से पहले कर जाते हैं चट

मोकामा के टाल इलाके में रहने वाले किसान इन दिनों चूहों और कीड़ों से परेशान हैं. उनकी फसलों को तैयार होने से पहले ही कीड़े और चूहे चट कर जा रहे हैं.

Updated on: 14 Dec 2022, 01:37 PM

highlights

  • चूहों और कीड़ों से परेशान किसान
  • फसलों को तैयार होने से पहले कर जाते हैं चट!
  • खेती की लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान
  • सरकार से किसानों को मदद की उम्मीद
  • किसानों की भी सुनो सरकार!

Mokama:

मोकामा के टाल इलाके में रहने वाले किसान इन दिनों चूहों और कीड़ों से परेशान हैं. उनकी फसलों को तैयार होने से पहले ही कीड़े और चूहे चट कर जा रहे हैं. जिसकी वजह से फसलों में लगी लागत भी ये नहीं निकाल पाते. ऐसे में यहां के किसान सरकार से राहत की आस लिए बैठे हैं. खेतों में बैठ कर लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही हैं. ये पेशे से किसान हैं. इनकी मेहनत से निकले पसीने जब जमीन पर टपकते हैं. तो बंजर जमीन भी अनाज रूपी सोना उगलने लगती है, लेकिन आज कल ये परेशानी में हैं. इनकी परेशानी की वजह खेतों में बोई हुई फसल है. अब आप सोच रहे होंगे कि फसल भला कैसे परेशानी की वजह हो सकती है, तो आपको बता दें कि इन्होंने अपने खेतों में फसल तो लगा दी, लेकिन उसके तैयार होने से पहले चूहे और कीड़े उसे चट कर गए. जिससे इनकी करी कराई मेहनत पर पानी फिर गया.

अब इन्हें फसल की लागत भी निकलता मुश्किल नजर आ रहा है. ये किसान मोकामा के टाल इलाके के हैं. इनकी फसलों में कीड़े लग गए हैं, जिसके बाद इनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं और किसान कुछ नहीं कर पा रहे. अब ये अपनी बदहाली पर सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं. आपको बता दें कि मोकामा के टाल इलाके में बड़े पैमाने पर किसान दलहनी फसलों की बुवाई करते हैं, लेकिन चूहों और कीड़ों की मार से इनके पूरे खेत बंजर हो जा रहे हैं. इनकी लगाई गई फसलों से पैदावार नहीं हो पा रही. लिहाजा इन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

एक ओर आर्थिक तंगी की वजह से कई किसान खेती नहीं कर पाते और दूसरी ओर जो किसान खेती कर भी रहे हैं. उन्हें चूहे और कीड़ों ने परेशान कर रखा है. जिससे अब यहां के किसान सरकार से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं. अब देखना ये है कि सरकार इनकी मांगों को कब सुनती है और उन्हें कबतक राहत का मरहम मिल पाता है. ताकि उनकी माथे से चिंता की लकीरें दूर हो सकें और आगे वे दोगुनी कोशिश से अपने-अपने खेतों से हरियाली उगा सकें.

रिपोर्ट : विकास कुमार

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