मानसून सत्र के 3 दिन चढ़े हंगामे की भेंट, जनता के करोड़ों डूबाने की जिम्मेदारी लेगा कौन?
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है. पिछले 3 दिन से चल रहे सत्र में कुल 1 घंटे की करवाई ही चल सकी.
highlights
- बिहार विधानसभा तीसरे दिन भी स्थगित
- कार्यवाही के 1 दिन का खर्च करोड़ों में
- हंगामे की भेंट चढ़ रहा सदन
Patna:
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है. पिछले 3 दिन से चल रहे सत्र में कुल 1 घंटे की करवाई ही चल सकी. एक भी जनसरोकार से जुड़ा मामला सदन में नहीं उठ स्का. इस बार भी बीजेपी तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन नहीं चलने दे रहे हैं. बिहार विधानसभा के 1 दिन की कार्यवाही में करोड़ रुपए खर्च होते हैं, लेकिन विधानमंडल का अधिकांश सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता है. इस बार भी बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ रहा है.
यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव के लिए कोर्ट से राहत की खबर, नौकरी घोटाला मामले में अब 8 अगस्त को होगी सुनवाई
1 दिन की कार्यवाही में होता है करोड़ों खर्च
जदयू का मानना है कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है. इसलिए वो लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं. जनता के हित से जुड़े मामलों से बीजेपी को कोई मतलब नहीं है. बीजेपी को आगामी चुनाव में जनता को जवाब देना पड़ेगा. बीजेपी का कहना है कि बिहार की सत्ताधरी दल निरंकुश हो गई है. विपक्ष की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है.
बीजेपी पर विपक्षी दलों ने साधा निशाना
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक रामप्रीत पासवान का कहना है कि उनकी पार्टी हमेशा से जनता से जुड़े मामले उठाती रही है, लेकिन अब नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के सामने झुक चुकी है. जब तक चार्जशीट को लेकर उपमुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक सदन नहीं चलने देंगे. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी लोकसभा में विपक्ष को नहीं बोलने दे रही है. बिहार में सत्ता पक्ष को बोलने नहीं देना चाहती है. जनता से जुड़े मामलों से बीजेपी को कोई मतलब नहीं रह गया है.
हंगामे की भेंट चढ़ रहा सदन
बिहार विधानमंडल के एक दिन के सत्र में करोड़ों रुपये खर्च होता है, लेकिन लगातार हंगामे की भेंट चढ़ने की वजह से विधानसभा में आम लोगों की समस्या पर कोई चर्चा नहीं हो पाती है. करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी यदि आमलोगों की समस्या पर कोई बात ना हो. इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं? अब सवाल यह उठता है कि एक-दूसरे पर हंगामे का ठीकड़ा फोरने वाले विधायकों को यह सोचना होगा कि आम आदमी का मुद्दा सदन में वह नहीं उठाएंगे तो आख़िर कौन उठाएगा.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट