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लोकसभा चुनाव

Bihar Politics: लालू की सक्रियता से 'INDIA' का जोश हाई, इस बार लालू फैक्टर कितना असरदार?

बिहारी में लालू यादव की सियासत का अपना ही एक अलग अंदाज है. इसी अंदाज की धमक समय-समय पर दिल्ली में सुनाई दी है, लेकिन एक बार फिर उनकी सियासी सक्रियता ने नया माहौल बना दिया है.

Updated on: 31 Jul 2023, 10:43 PM

highlights

  • लालू फैक्टर कितना असरदार !
  • सियासत के केंद्र में लालू यादव ?
  • लालू की सक्रियता से 'INDIA' का जोश हाई
  • लालू की धमक... दिल्ली तक चमक 

Patna:

बिहारी में लालू यादव की सियासत का अपना ही एक अलग अंदाज है. इसी अंदाज की धमक समय-समय पर दिल्ली में सुनाई दी है, लेकिन एक बार फिर उनकी सियासी सक्रियता ने नया माहौल बना दिया है. हर तरफ एक ही चर्चा है कि 75 साल के लालू यादव का सियासी फैक्टर बिहार में कितना कारगर होगा. सरकार चाहे किसी की भी हो, लेकिन चर्चा के केंद्र में हमेशा लालू ही रहे. बात चाहे बिहार में सियासत की हो, या फिर दिल्ली में ताकत दिखाने की, अपने अनोखे अंदाज ने लालू यादव को सबसे अलग नेता बनाया है, लेकिन 75 साल की उम्र पार कर चुके लालू यादव से आरजेडी कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से कुछ बड़ा करने की उम्मीद है. क्योंकि लालू यादव दोबारा सियासत के केंद्र में आ गए हैं.

बीजेपी ने लालू का बताया-अप्रासंगिक 

लालू यादव के जेल जाने के बाद जरूर आरजेडी का ग्राफ बिहार में नीचे गया था, लेकिन एक बार फिर लालू यादव की सक्रियता ने कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी को लगता है कि लालू यादव का दौर जा चुका है. बिहार की सियासत में लालू यादव अप्रसांगिक हो चुके हैं,  लेकिन सियासी बयानबाजी से अलग लालू यादव जिस तरह से दोबार सक्रिय हुए हैं, उसने बीजेपी को बैचेन तो कर ही दिया है. सम्राट चौधरी का माने तो लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए हैं. जिस लालू प्रसाद यादव को जदयू के लोग पंजीकृत अपराधी बता रहे थे वही आज उनके गुणगान में लगे हुए हैं. हरि भूषण ठाकुर बचोल की माने तो लालू प्रसाद राजनीति में हमेशा सक्रिय रहे हैं, लेकिन बिहार के लोग उनको पहचान गए हैं. 2024 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में कोई फैक्टर नहीं होंगे. नरेंद्र मोदी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता है जैसे सूर्य का मुकाबला कोई नहीं कर सकता. बीजेपी विधायक की सलाह है कि लालू प्रसाद यादव उनको अपने मुकदमे और सेहत पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

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महागठबंधन की ताकत हुई दोगुनी 

वहीं, दोबारा लालू यादव और नीतीश कुमार के एक साथ आने से बिहार की सियासत में बड़ा उलट फेर भी हुआ है. लालू यादव अब दोगुनी ताकत के साथ सीधे केंद्र सरकार को चुनौती दे रहे हैं. महागठबंधन को लगता है कि अब लालू यादव फैक्टर बिहार में बीजेपी को धुल चटा देगा और इसकी गुंज दिल्ली तक सुनाई देगी. बिहार सरकार में जदयू कोटे के मंत्री जमा खान की माने तो बिहार भाजपा के नेता रोज लालू प्रसाद का नाम ले रहे हैं. इससे यही दिख रहा है कि बीजेपी के लोगों में लालू प्रसाद के नाम का खौफ अभी बना हुआ है.

लालू फैक्टर की देश में चर्चा

हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का समय बचा है और बिहार की सियासत में लालू फैक्टर की चर्चा पूरे देश में होने लगी है. क्योंकि इंडिया एलायंस सबसे मजबूत बिहार में ही नजर आता है. 15 सालों तक बिहार में एकछत्र राज करने वाले लालू यादव की एक और अग्नि परीक्षा आगामी लोकसभा चुनाव में होगी. हालांकि लालू यादव ने विपक्ष को एक छत के नीचे लाकर एक परीक्षा तो पास कर ली है. वहीं, लालू यादव का अगला मुकाबला उस मोदी फैक्टर से होगा जिसने दो बार बड़े बहुमत से देश की सत्ता हासिल की है.

रिपोर्ट: आदित्य झा