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Politics: एमपी में चुनाव...बिहार में सियासत! महागठबंधन में ऑल इज़ नॉट वेल?

विधानसभा चुनाव भले ही मध्यप्रदेश में है, लेकिन इसको लेकर सियासत बिहार में हो रही है. इसकी वजह है JDU का वो ऐलान, जिसने 2024 के चुनावी रण से पहले ही महागठबंध में खटास के संकेत दे दिए हैं.

Updated on: 27 Oct 2023, 05:01 PM

highlights

  • एमपी चुनाव में सहयोगी बनेंगे विरोधी!
  • महागठबंधन में ऑल इज़ नॉट वेल?
  • एमपी में JDU ने उतारे 10 उम्मीदवार

Patna:

विधानसभा चुनाव भले ही मध्यप्रदेश में है, लेकिन इसको लेकर सियासत बिहार में हो रही है. इसकी वजह है JDU का वो ऐलान, जिसने 2024 के चुनावी रण से पहले ही महागठबंध में खटास के संकेत दे दिए हैं. दरसअल, मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में JDU इंडिया से अलग होकर अपने उम्मीदवारों को उतारने का फैसला लिया है और कांग्रेस के खिलाफ 10 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी भी कर दी है. यानी जिस कांग्रेस के साथ JDU 2024 का चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है, उसी कांग्रेस को हराने के लिए JDU मध्यप्रदेश में दमभरती नजर आएगी. हालांकि JDU के साथ इस रेस में समाजवादी पार्टी भी है, जो महागठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी मध्यप्रदेश में अपने उम्मीदवारों को उतार रही है.

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एमपी चुनाव में सहयोगी बनेंगे विरोधी!

ऐसे में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है, जहां बीजेपी INDIA गठबंधन पर जमकर निशाने साध रही है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता तारकिशोर प्रसाद का मानना है कि JDU खुद को महागठबंधन से अलग करना चाहती है. बीजेपी भले ही JDU और महागठबंधन को आड़े हाथ ले रही है, लेकिन JDU ने अब इसको लेकर सफाई पेश की है. JDU की मानें तो हर राजनीतिक पार्टी अपना संगठन विस्तार करना चाहती है. मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी ने भी कैंडिडेट दिया और JDU ने भी कैंडिडेट दिया है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पार्टी इस गठबंधन से अलग हो रही है.

एमपी में JDU ने उतारे 10 उम्मीदवार

INDIA के दूसरे घटक दल भी JDU के सुर में सुर मिला रहे हैं. जहां RJD का कहना है कि इंडिया गठबंधन बनाने का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है. वहीं कांग्रेस का मानना है कि इस गठबंधन का सबसे प्रमुख घटक दल उनकी ही पार्टी है.और सभी राजनीतिक दलों को अपनी-अपनी पार्टी का विस्तार करने का अधिकार है. बहरहाल, मध्यप्रदेश चुनाव की सरगर्मी बिहार में अभी से महसूस होने लगी है. बयानबाजी भी तेज हो गई है, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इस गठबंधन का लिटमस टेस्ट कुछ राज्यों में होता दिख रहा है. भले ही विपक्षी दलों के गठबंधन के नेता इस गठबंधन के मजबूती की बात कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यही है कि गठबंधन में ऑल इस वेल नहीं है. यही कारण है कि मुंबई में विपक्षी दलों की हुई बैठक के बाद अभी तक इस गठबंधन को लेकर कोई ना तो बड़ी बैठक हुई है और ना ही इसमें कोई अब दिलचस्पी दिखा रहा है.