'मुक्ति अनुभव' आध्यात्मिक कार्यक्रम का साक्षी बना पटना, डिप्टी CM तारकिशोर ने कही ये बात
पटना के बापू सभागार में एकम द्वारा मुक्ति गुरु प्रीताजी और कृष्णाजी ने ‘मुक्ति अनुभव’कार्यक्रम का आयोजन किया. मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद रहे.इस कार्यक्रम में आये साधकों को उन्होंने मुक्ति का ज्ञान दिया गया.
highlights
- उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने किया किताब का विमोचन
- आध्यत्मिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे डीप्टी CM तारकिशोर
- तारकिशोर ने कहा इस तरह के कार्यक्रम मनुष्य को मानसिक तनाव से उबारने में मदद करते हैं
नई दिल्ली :
पटना के बापू सभागार में एकम द्वारा मुक्ति गुरु प्रीताजी और कृष्णाजी ने ‘मुक्ति अनुभव’कार्यक्रम का आयोजन किया. मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद रहे.इस कार्यक्रम में आये साधकों को उन्होंने मुक्ति का ज्ञान दिया गया. तारकिशोर प्रसाद ने प्रीताजी और कृष्णाजी द्वारा लिखी गई बेस्ट सेलिंग बुक ‘Four Sacred Secrets' के हिंदी अनुवाद ‘चार परम रहस्य’का भी विमोचन किया. तारकिशोर प्रसाद ने किताब का विमोचन करते हुए एकम द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जिस प्रकार से लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, इस तरह के कार्यक्रम उन्हें तनाव से उबरने में बहुत मदद करेंगे. कार्यक्रम में उपस्थित पटना की मेयर सीता साहू ने कहा किइस कार्यक्रम में ध्यान के दौरान मैंने खुद को परमात्मा की पावन उपस्थिति में खुद को सौंप दिया.
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कार्यक्रम में आये साधकों को संबोधित करते हुए कृष्णाजी ने कहा कि विश्व की सभी समस्याएं चाहे वो युद्ध हो या आर्थिक शोषण, चाहे जलवायु परिवर्तन हो या मानसिक अवसाद, इन सब का समाधान तब ही हो पायेगा जब एक निश्चित समूह प्रबुद्ध हो जाएगा और अपनी पीड़ा और आत्मकेंद्रितता से पार पा जाएगा.यह मानवता की सामूहिक चेतना को प्रभावित करेगा.उनका मानना है कि लोगों के इस महत्वपूर्ण जनसमूह को मानवता का 001% होना चाहिए.जब लोगों का जनसमूह प्रबुद्ध स्थिति के माध्यम से दुनिया का अनुभव करना शुरू कर देगी तो उनकी चेतना सामूहिक रूप से परिवर्तन लाएगी.केवल ऐसा प्रबुद्ध व्यक्ति ही लोक कल्याण ला सकता है।
प्रीताजी और कृष्णाजी ने पटना को भारत के प्राचीन शहरों में से एक के रूप में मान्यता दी, जहां शिक्षा, संस्कृति और कला का विकास हुआ, जहां चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक जैसे महान सम्राट, चाणक्य जैसे महान राजनीतिक और आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ हुए.उन्होंने यह भी कहा कि पटना का मुकुट रत्न प्रबुद्ध बुद्ध हैं, जिन्होंने अपने शिष्यों और अनुयायियों के साथ, जागृति और आत्मज्ञान की ऊर्जा का प्रसार किया. इसलिए उन्होंने पटना की पावन भूमि से ज्ञानोदय के अनुभव का वैश्विक दौरा शुरू करने का फैसला किया.
कृष्णाजी ने कार्यक्रम में आये साधकों के साथ अपने ज्ञानोदय को साझा किया जिससे संसार को मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर किया जा सके. उन्होंने सभी साधकों को आत्मज्ञान के मार्ग पर चलने का आशीर्वाद दिया.प्रीताजी ने कहा, "पीड़ित अवस्था को पार करें और प्रबुद्ध अवस्था में प्रवेश करें.एक प्रबुद्ध अवस्था में परमात्मा आपको शक्तिशाली रूप से जवाब देता है।" बता दें कि एकम भारत का सबसे प्रसिद्ध ज्ञान और मुक्ति केंद्र है.
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