बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर अपने विवादित बयानों को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहते हैं. हर मंच से किसी ना किसी मुद्दे अपने अप्रतिम ज्ञान का परिचय देते रहते हैं, लेकिन ज्ञान बांटने वाले शिक्षा मंत्री के राज्य में छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. बिहार के शिक्षा मंत्री हैं प्रोफेसर चंद्रशेखर अक्सर अपने विवादित बोल के चलते सुर्खियों में रहते हैं. अब मंत्री जी को बयानों से फुर्सत मिले तब ना शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान दें.
पेड़ के नीचे चलता है स्कूल
पूर्णिया जिला मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर एक स्कूल कई सालों से पेड़ के नीचे ही चल रहा है. लंबे समय के बाद टीचर्स ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक टिन शेड डाल दिया. जिसके बाद बच्चों को धूप से तो राहत मिल गई, लेकिन बेंच और डेस्क के साथ ही तमाम मूलभूत सुविधाओं से बच्चे आज भी मरहूम हैं. स्कूल में पहली से 5वीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. जिनके लिए ना तो पानी की सुविधा है और ना ही शौचालय की व्यवस्था. टिन शेड के नीचे गर्मी में बहुत गर्मी और सर्दी में बहुत सर्दी लगती है, लेकिन ये मासूम ऐसे ही हालात में पढ़ने को मजबूर हैं.
बच्चों को ठगने का काम
शासन हो या प्रशासन, सभी ने यहां के बच्चों को ठगने का काम किया है. शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को देखकर भी अधिकारी अनदेखा करते हैं और जनप्रतिनिधि तो चुनावी मौसम में ही अपने दर्शन देते हैं. कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी सभी अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं.
शिक्षा व्यवस्था पर काम करने की जरुरत
बिहार सरकार हर मंच से शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के दावे करती है, लेकिन हर बार हर जिले से ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिलती हैं. ऐसा नहीं है कि सरकार की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है. जरूरत जिला और प्रशासनिक स्तर पर काम करने की है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के जागरुक होने की है. क्योंकि सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इन्हीं लोगों के जिम्मे होती है. ऐसे में अगर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारी ही लापरवाह बन जाएं तो बच्चों का भविष्य कौन बनाए?
रिपोर्ट : प्रफुल झा
HIGHLIGHTS
- बिहार की शिक्षा व्यवस्था बेहाल
- 'जमीन' पर है शिक्षा का स्तर
- पूर्णिया में पेड़ के नीचे चलता है स्कूल
- स्कूल में नहीं है पानी की सुविधा
- स्कूल में नहीं है शौचालय की व्यवस्था
Source : News State Bihar Jharkhand