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छुट्टी से वापस लौटे शिक्षा ACS केके पाठक, स्कूलों को बंद करने पर जताई नाराजगी

बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपनी छुट्टी से वापस लौट चुके हैं. छुट्टी से वापस लौटने के बाद एक बार फिर से केके पाठक एक्शन में नजर आ रहे हैं.

Updated on: 21 Jan 2024, 02:16 PM

highlights

  • एक्शन में आए ACS केके पाठक
  • स्कूलों को बंद किए जाने पर जताई नाराजगी
  • पत्र लिखकर दिया ये आदेश

 

 

Patna:

बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपनी छुट्टी से वापस लौट चुके हैं. छुट्टी से वापस लौटने के बाद एक बार फिर से केके पाठक एक्शन में नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को ही पाठक छुट्टी से आए और दूसरे दिन से ही काम में सक्रिय हो गए. आपको बता दें कि राजधानी पटना में बढ़ते ठंड के प्रकोप को देखते हुए कक्षा 8वीं तक की छुट्टियों को 16 जनवरी से बढ़ाकर 20 जनवरी तक कर दिया गया था. ठंड और शीतलहर को देखते हुए स्कूलों की बंद की तारीख को बढ़ाया गया था. पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने काह था कि जिले में मौसम और कम तापमान अभी भी जारी है, जिसका बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. 

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एक्शन में केके पाठक

इसे देखते हुए यह फैसला लिया गया था. जैसे ही केके पाठक काम पर लौटे उन्होंने जिले के डीएम को स्कूलों को बंद किए जाने के आदेश पर रोक लगाने का निर्देश जारी करते हुए पत्र लिखा. उन्होंने लिखा कि अगर आप स्कूलों की छुट्टी या उसके समय अवधि को लेकर कुछ भी बदलाव करते हैं तो पहले शिक्षा विभाग से इसकी अनुमति लें, बात-बात पर स्कूलों को बंद करने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए. यह पत्र केके पाठक ने राज्य के सभी प्रमंडल आयुक्तों को भेजा है, जिसमें ठंड की छुट्टी के लिए धारा 144 पर रोक लगाने को लेकर सवाल पूछा गया है. बता दें कि धारा 144 गंभीर और वैधानिक मामले में लगाया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि यह ध्यान रखना चाहिए कि धारा 144 की आवाहन करते हैं तो यह न्यायिक आदेश समान स्थिति में समान रूप से लागू की जाए.

स्कूलों को बंद किए जाने पर जताई नाराजगी

इसके साथ ही केके पाठक ने कोचिंग संस्थानों पर नाराजगी जताई और लिखा कि दंडाधिकारी का निर्देश जो पास किया गया, उसमें सिर्फ स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया. अन्य संस्थानों और मामलों का जिक्र नहीं किया गया है. इसके साथ ही पूछा कि यह कैसी ठंड और शीतलहर है जो सिर्फ विद्यालयों में ही गिरती है और कोंचिंग संस्थानों में नहीं, इन संस्थानों में कक्षा 4 से 12 तक के बच्चे पढ़ने जाते हैं.