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सृजन घोटाला( Photo Credit : News Nation)
बिहार में 500 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक बिपिन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिपिन कुमार को गिरफ्तार किया है. घोटालेबाजों ने 2008 से 2014 के बीच 557 करोड़ रुपये सरकारी खातों से निकालकर एक एनजीओ सृजन, महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खातों में डाल दिए थे. इसी संस्था के अकाउंट से सरकारी पैसों की बंदरबांट कर ली गई. सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू करने से लेकर अबतक तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैया समेत 60 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस घोटाले में भागलपुर के तत्कालीन उप समाहर्ता विजय कुमार, नाजिर अमरेंद्र यादव के अलावा सृजन की पूर्व सचिव स्वर्गीय मनोरमा देवी के नाम भी शामिल हैं.
Enforcement Directorate (ED) says it has arrested Bipin Kumar, one of the main accused Rs 500 crores Srijan Scam in Bihar pic.twitter.com/8q8cOkQOR2
— ANI (@ANI) October 7, 2021
सृजन घोटाले के खुलासे की दिलचस्प कहानी : 2017 में भागलपुर के डीएम आदेश तितरमारे हुआ करते थे. जिलाधिकारी ने अगस्त 2017 में सरकारी काम के लिए बैंक में एक चेक भेजा. लेकिन ये चेक बाउंस हो गया और बैंक ने चेक को ये कहकर वापस लौटा दिया कि सरकारी खाते में इतने पैसे हैं ही नहीं. इस बात पर तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे हैरान रह गए. घोटाले की बू आने लगी थी लेकिन बगैर जांच के किसी नतीजे पर पहुंचना मुश्किल था. लिहाजा जिलाधिकारी ने इसके लिए एक जांच कमेटी ही बैठा दी थी. जल्द ही कमेटी ने रिपोर्ट भी सौंप दी. जो पता चला उससे प्रशासन के पैरों तले की जमीन ही खिसक कई. कमेटी ने रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के सरकारी खातों में पैसे ही नहीं हैं.
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इस घोटाले में ऊपर से लेकर नीचे तक, सरकारी अफसरों से लेकर NGO के कर्ताधर्ताओं और बैंक अफसरों तक ने मोटा माल खाया. सीबीआई की चार्जशीट इस बात का गवाह है जिसमें सृजन संस्था की प्रबंधक सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सुरजीत राहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई, इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक देव शंकर मिश्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, सृजन की सचिव सरिता झा और रजनी प्रिया तथा अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी देवी तक के नाम शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- सृजन घोटाले का खुलासा 2017 में भागलपुर के डीएम आदेश तितरमारे ने किया था
- घोटालेबाजों ने 2008 से 2014 के बीच 557 करोड़ रुपये सरकारी खातों से एक एनजीओ के खातों में डाल दिए थे
- सीबीआई ने तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैया समेत 60 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है