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Drug Racket: बिहार में फल-फूल रहा नशे का कारोबार, लोगों की हो रही है मौत

बिहार में सरकार ने 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू की है, लेकिन वो सिर्फ कागजी पन्नों पर ही मालूम पड़ती है. आये दिन न सिर्फ लोग गांजा-चरस-अफीम-सुलेशन-ड्रग्स, कोरेक्स और नशीली इंजेक्शन के आदि हो रहे हैं बल्कि इनके सेवन से लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं

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Jatin Madan
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Begusarai news

बिहार बन रहा 'उड़ता पंजाब'( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

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बिहार में सरकार ने 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू की है, लेकिन वो सिर्फ कागजी पन्नों पर ही मालूम पड़ती है. आये दिन न सिर्फ लोग गांजा-चरस-अफीम-सुलेशन-ड्रग्स, कोरेक्स और नशीली इंजेक्शन के आदि हो रहे हैं बल्कि इनके सेवन से लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं. ये सब चीजें सरकार के नाक के नीचे हो रहा है. ऐसे में न्यूज स्टेट के खुफिया कैमरे में जो तस्वीरें कैद हुई वो न सिर्फ आपको हैरान कर देगी. बल्कि बिहार सरकार के नशामुक्ति के दावे की पोल भी खोल रही हैं.

बिहार बन रहा 'उड़ता पंजाब'

युवा किसी भी राज्य या देश का भविष्य होते हैं, लेकिन बिहार में ये भविष्य नशे के समंदर में डूब रहा है. बड़ी संख्या में युवा ऐसे दलदल में धंसते जा रहे हैं जहां बाहर निकल पाना लगभग नामुमकिन है. वैसे तो नशा बिहार के ज्यादातर जिलों के लिए अभिशाप बन गया है, लेकिन बेगूसराय में नशे का ट्रेंड बदल रहा है और अब यहां छोटे-छोटे बच्चे भी गांजा- चरस- अफीम- सुलेशन- ड्रग्स और कफसिरप जैसे नशे के जद में आ गए हैं. नशे की चपेट में आने वाले ज्यादातर बच्चे और युवा ऐसे हैं जो बेहद गरीब तबके से ताल्लुक रखते हैं.

प्रशासन के दावों की हकीकत जानिए

बेगूसराय में News State की टीम ने प्रशासन के दावों की हकीकत जानने के लिए जमीनी स्तर पर पड़ताल की और इस दौरान खुफिया कैमरे में जो तस्वीरें कैद हुई उसे देख ना सिर्फ हैरानी होती होती है. बल्कि मन में बड़ा सवाल भी उठता है कि आखिर कैसे प्रशासन की नाक के नीचे युवा यहां तक की छोटे-छोटे बच्चे भी नशे की जद में समाते जा रहे हैं. मौके पर देखा गया कि युवा ड्रग्स ले रहे हैं. सुलेशन और अफीम जैसा नशा कर रहे हैं. नशीले इंजेक्शन्स खुद ले रहे हैं. नशे में ये युवा इस कदर डूब चुके हैं कि ना तो इन्हें अपनी चिंता है और ना ही परिवारवालों की.

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सैंकड़ों लोगों की मौत

बेगूसराय में नशा करने वाले सैंकड़ों लोग अब तक काल के गाल में समा चुके हैं. कुछ की हालत नाजुक है. नशा करने से लिवर, किडनी और फेफड़े खराब हो जाते हैं. डिप्रेशन, मानसिक अस्थिरता, फोकस और कंसन्ट्रेशन लॉस, भ्रम की बीमारी, आत्यहत्या करने का खतरा और इन जैसी कई बीमारियों के होने का खतरा होता है. बेगूसराय के अस्पतालों में नशे के मरीजों की संख्या डरावने ढंग से बढ़ने लगी है. बावजूद यहां के हर इलाके में ये कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. खासकर जिले के मुफस्सिल, सिंघौल और लोहिया नगर थाना क्षेत्र में तो हालात बद से बदतर हैं.

अधिकारियों को भनक तक नहीं

जब News State की टीम ने ये तस्वीरें DM और SP को दिखाई तो अधिकारियों के पैरों तले मानो जमीन खिसक गई. तस्वीरों को देख वो भी इतने ही हैरान हुए और जल्द इसपर रोकथाम के निर्देश दिए. अधिकारियों ने भले ही आश्वासन दे दिया है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या स्थानीय पुलिस प्रशासन सड़कों पर हो रहे इस नशे के खेल से अनजान है. क्या उन्हें ये खबर नहीं कि उनके इलाकों में ड्रग्स और नशीले पदार्थों की खुले आम तस्करी हो रही है. बड़ी संख्या में युवा इसकी जद में आ रहे हैं. अगर वो इससे अनजान है तो उनकी कार्यशैली पर सवाल है और जानकर आज तक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं तो ये पूरे पुलिसिया सिस्टम पर सवाल है. सवाल तो उन अधिकारियों से भी है जो दावे तो नशा मुक्त समाज की करते हैं, लेकिन उनके समाज के हर गली कूचे में लोग नशे में समंदर में गोते लगा रहे हैं.

रिपोर्ट : जीवेश तरुण

HIGHLIGHTS

  • बिहार में फल-फूल रहा नशे का कारोबार
  • नशे के सेवन से हो रही लोगों की मौत
  • NEWS STATE के कैमरे में कैद हैरान कर देने वाली तस्वीर
  • सरकार के नशामुक्ति के दावे की खुली पोल!

Source : News State Bihar Jharkhand

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