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नशा मुक्ति दिवस: CM नीतीश ने की लोगों से नशा छोड़ने की अपील, कही ये बड़ी बातें

सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की जनता के नाम जारी किए गए अपने ऑडियो संदेश में लोगों से नशे से दूरी बनाकर रखने की अपील की.

Updated on: 26 Nov 2022, 12:04 PM

highlights

. CM नीतीश की अपील-'नशा छोड़े लोग'

. नशा सेहत, परिवार, पैसा सब बर्बाद कर देता है

Patna:

आज यानि 26 नवंबर को पूरी दुनिया में नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की जनता के नाम जारी किए गए अपने ऑडियो संदेश में लोगों से नशे से दूरी बनाकर रखने की अपील की. अपने ऑडियो संदेश में नीतीश कुमार ने कहा कि 26 नवंबर को नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर  हम सब संकल्प लें कि किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का कभी भी सेवन नहीं करेंगे एवं अन्य लोगों को भी नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित करेंगे, ताकि लोगों को नशीली पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिले.

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अपने ऑडियो संदेश में सीएम नीतीश ने आगे कहा कि नशे से स्वास्थ्य एवं संस्कार दोनों बिगड़ते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था, शराब आदमियों से ना सिर्फ उनका पैसा छीन लेता है बल्कि उनकी बुद्धि भी हर लेती है. बापू का यह भी कहना था कि शराब पीने वाले इंसान हैवान हो जाते हैं. इसलिए आपसे अनुरोध है कि नशा मुक्ति के लाभ से लोगों को परिचित कराएं, नशा मुक्ति से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा और परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और साथ ही समाज में शांति एवं सद्भाव कायम होगा. आपकी सहयोग से समाज सुधार एवं विकास का कार्य और बेहतर ढंग से हो सकेगा. बहुत बहुत धन्यवाद!. 

26 जून को मनाया जाता है नशा मुक्ति दिवस


प्रतिवर्ष आज यानि 26 जून को पूरी दुनिया में नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता है. लोगों को नशा त्यागने के संकल्प दिलाए जाते हैं और तमाम जगहों पर लोगों को जागरूक किया जाता है और नशा छोड़ने की सलाह दी जाती है. बेशक के आज के दिन तमाम जगहों पर लोगों को नशा त्यागने का संकल्प दिलाये जाते हैं लेकिन शपथ लेने के बाद लोग भूल जाते हैं कि उन्होंने कोई शपथ ली है यानि हर साल औपचारिकता ही निभाई जाती है. संकल्प लिया जाता है, दावे किए जाते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीतियां बनाई जाती हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता. नशे के सेवन को रोकने के लिए नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता है. आज के समय में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक लगभग 70 फीसदी लोग नशे की गिरफ्त में हैं. नशा कुछ लोगों के लिए स्टेटस सिंबल भी बन चुका है. कुछ नशे के आदी ऐसे भी होते हैं जो अपनी जमान, जायदाद समेत तमाम संपत्तियां बेच देते हैं. आज बहुत से युवाओं के मां-बाप दुखी हैं कि उनके बच्चे नशे की दलदल में धसते चले जा रहे हैं.