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Bihar News : हिट एंड रन कानून को लेकर भड़के चालक, अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी

मधुबनी में हिट एंड रन कानून को लेकर बस कर्मी सड़क पर उतर कर इस कानून का विरोध कर रहे हैं.

Updated on: 02 Jan 2024, 05:32 PM

highlights

  • अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी 
  • हिट एंड रन कानून को लेकर नारेबाजी
  • भागलपुर में भी हुआ विरोध 

Patna:

हिट एंड रन कानून में हुए बदलाव के बाद से पुरे देश में इसका विरोध हो रहा है. बिहार में भी इसका असर होता नजर आ रहा है. हर जिले में चालकों का विरोध देखने को मिल रहा है. 1 जनवरी से चक्का जाम कर दिया गया है. वहीं, सभी ने अनिश्चितकालीन के लिए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. मधुबनी और भागलपुर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. चालकों का कहना है कि हम महीने का 10 से 15 हजार रुपये कमाते हैं. ऐसे में इतनी बड़ी रकम हम कहा से देंगे और अगर हमने जुर्माना नहीं दिया तो हमे जेल हो जाएगी तो फिर हमारे परिवार का क्या होगा. 

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी 

मधुबनी में हिट एंड रन कानून को लेकर बस कर्मी सड़क पर उतर कर इस कानून का विरोध कर रहे हैं. बस कर्मियों का कहना है कि सरकार के द्वारा जो कानून हम बस कर्मियों के लिए जारी किया गया है. उस कानून को लेकर सभी बस कर्मियों ने 1 जनवरी से चक्का जाम किया है और यह चक्का जाम 3 जनवरी तक रहेगा. अगर सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तो दुवारा अनिश्चितकालीन के लिए सभी बस कर्मी हड़ताल करेंगे.

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हिट एंड रन कानून को लेकर नारेबाजी

इसी को लेकर मधुबनी बस स्टैंड में सभी बस कर्मी सरकार के खिलाफ निकल गए और हिट एंड रन कानून को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं. जिससे आने वाले यात्रियों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, जब बस कर्मियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह कानून सभी ड्राइवर के लिए होना चाहिए चाहे वह किसी भी अधिकारी का हो या फिर मामूली बस ड्राइवर हो, इस कानून के लागू होने से बस कर्मियों ने बताया कि 500 रुपये प्रतिदिन कमाने वाला इंसान कहां से सरकार के द्वारा निकाले गए कानून का पालन करेगा. 

भागलपुर में भी हुआ विरोध 

दूसरी तरफ भागलपुर दुमका मुख्य मार्ग बाईपास टीओपी जगदीशपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नवगछिया में चालकों ने करीब 3 घंटों तक रोड को जाम कर दिया. यहां तक कि एंबुलेंस को भी जाने का रास्ता नहीं दिया गया. वहीं, इसकी सूचना थाने को दी गई. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद समझा बुझा कर जाम को हटाया. वहां मौजूद चालकों का कहना था कि हमलोग गरीब हैं 10000 से 15000 रुपये महीना किसी तरह कमाते हैं और अपने घर का भरण पोषण करते हैं. अगर यह कानून लागू कर दिया जाएगा तो या तो हम लोगों को 7 साल जेल में रहना होगा नहीं तो 10 लाख रुपया जुर्माना देना पड़ेगा. आखिर हम लोग इतनी मोटी रकम कहां से लाएंगे. इसलिए इस कानून को वापस किया जाए. अगर सरकार कानून को वापस नहीं लेती है तो हम लोग और उग्र आंदोलन करेंगे.