हड़ताल पर बिहार के डॉक्टर्स, ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप
बिहार के डॉक्टरों ने गुरुवार को अपने 11 सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल कर दिया. पूरे प्रदेश में ओपीडी सेवाएं ठप रहीं.
Patna:
बिहार के डॉक्टरों ने गुरुवार को अपने 11 सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल कर दिया. पूरे प्रदेश में ओपीडी सेवाएं ठप रहीं. इस दौरान मरीज परेशान होते रहे. हालांकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल रही. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई. डॉक्टर्स ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस समेत 11 मांगों को लेकर हड़ताल की है. बिहार स्वास्थ्य संघ के आह्वान पर बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं और सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीड़ी सेवाएं बंद हैं. लगभग सभी जिलों में डॉक्टरों के हड़ताल से मरीज परेशान दिखे.
नालंदा में दिखा हड़ताल का असर
हड़ताल के क्रम में नालंदा के सदर अस्पताल के चिकित्सक भी हड़ताल पर हैं और ओपीडी सेवा को पूरी तरह से बाधित रखा गया है. हालांकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं. ओपीडी में इलाज कराने आए मरीज परेशान होते रहे और बिना इलाज के वापस लौटे.
बगहा में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
वहीं, बगहा में भी डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप हैं और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी के डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने मरीजों का इलाज नहीं हो पाया और उन्हें बिना इलाज कराए और बिना दवाएं लिए अस्पताल से वापस जाना पड़ रहा है. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद हैं हालांकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं. जो तस्वीरें आप स्क्रीन पर देख रहे हैं वो बगहा के पण्डित कमलनाथ तिवारी अनुमंडलीय अस्पताल की हैं. जहां डॉक्टरों के हड़ताल पर होने से मरीज परेशान होते रहे रहे हैं.
समस्तीपुर में भी ओपीडी सेवाएं रही बंद
वहीं, समस्तीपुर में भी डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाओं का असर देखने को मिला. जिले के सदर अस्पताल समेत सभी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप हैं और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि बिहार के डॉक्टर 11 मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. बिहार स्वास्थ्य संघ ने हड़ताल का एलान किया था. इन मागों में सबसे बड़ी मांग ये है कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस को खत्म किया जाए और डॉक्टरों के साथ किसी भी प्रकार की बद्तमीजी अथवा उनपर हमला होने पर उन्हें सुरक्षा दी जाए और तत्काल कार्रवाई की जाये. स्वास्थ्य संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक अगर सरकार डॉक्टर्स की मांगों को जल्द नही मानेंगी तो प्रदेश के चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
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