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आशिक मिजाज डॉक्टर( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
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आशिक मिजाज डॉक्टर( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
बिहार के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की खल रही कमी के बीच सुपौल के अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज का प्रभारी उपाधीक्षक का जिम्मा एक ऐसे डॉक्टर को सिविल सर्जन ने दी है, जो लगातार विवादों में रहे हैं. जिसके दामन पर भ्रष्टाचार और कार्य में रुचि एवं एएनएम को बुलाने को लेकर दाग लगा हुआ है. डॉक्टर को अस्पताल का प्रभारी उपाधीक्षक बनाकर सुपौल सिविल सर्जन उस पर तारीफों के फूल बरसा रहे हैं. दरअसल, त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के बनाए गए प्रभारी उपाधीक्षक डॉक्टर इंद्रदेव यादव के ऊपर ऐसे कई गंभीर आरोप है. जिसको लेकर आवेदक संतोष कुमार सिन्हा के आवेदन पर हाई कोर्ट में केस चल रहा है. फिर भी हाईकोर्ट को दरकिनार करते त्रिवेणीगंज अनुमंडल अस्पताल का प्रभारी उपाधीक्षक बना दिया गया है.
सेवा शिकायत निवारण पदाधिकारी-सह-विशेष सचिव, स्वास्थ्य विभाग बिहार पटना के द्वारा सभी आरोप को सत्य मानते हुए वरीयता के आधार पर 27/01/23 को आदेश पारित करते हुए पत्रांक संख्या 826/ 00718 को असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सुपौल के ज्ञापन 232 दिनांक 30/ 01/ 2023 अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्रिवेणीगंज के प्रभारी उपाधीक्षक बना गया है. इसे कहते हैं सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम?
जानें कब-कब लगे आरोप?
वर्ष 2015 में सरकारी कार्य में रुचि नहीं रखते हुए प्राइवेट लैब को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है.
वर्ष 2016 में गबन का आरोप लगा है. वर्ष 2016 में ही तत्कालीन 8 एएनएम ने डॉक्टर इंद्रदेव यादव के ऊपर गंभीर आरोप लगाया था.
वर्ष 2017 में ही तत्कालीन सिविल सर्जन के पत्रांक संख्या 322/25/07/2017 को गबन के आरोप में तृतीय कमेटी का गठन किया था और कमेटी के द्वारा वर्ष 2018 में आरोप सत्य पाया था.
वर्ष 2019 में तत्कालीन सिविल सर्जन स्थांतरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा था.
वर्ष 2019 में ही तत्कालीन सिविल सर्जन ने डॉक्टर इंद्रदेव यादव के ऊपर प्रपत्रृ.क0 करने को लेकर आरडीडी को अनुरोध किया था.
वैसे यह डॉक्टर साहब आशिकी मिजाज के हैं, उनके कार्यकाल के दौरान कई बार सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो भी वायरल हो चुका है.
गौरतलब है कि प्रभारी बनने के बाद से अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में स्वास्थ्य व्यवस्था और बिगड़ती जा रही है. यहां तक कि मरीजों को भोजन तो शुद्ध मिल नहीं रहा और पानी वाला दूध भी दिया जा रहा है. इसके अलावे प्रभार ग्रहण करने के बाद से डॉक्टर इंद्रदेव की पुरानी करतूत को लेकर अस्पताल में कार्यरत एनएनएम सहित अन्य कर्मियों में खौफ देखने को मिल रहा है.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand