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बिहार वालों  Holi पर गलती से भी ना कर देना ये काम, बहुत महंगा पड़ेगा!

रंगो के पर्व होली के अवसर पर वैसे तो रंग, अबीर, गुलाल की डिमांड रहती है लेकिन बिहार में अलग ही डिमांड लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है.

Updated on: 07 Mar 2023, 10:01 PM

highlights

  • बिहार में होली के दिन हुड़दंग मचाना पड़ सकता है महंगा
  • शराब पीने पर जाना पड़ेगा जेल
  • बिहार में लागू है शराबबंदी कानून

Patna:

रंगो के पर्व होली के अवसर पर वैसे तो रंग, अबीर, गुलाल की डिमांड रहती है लेकिन बिहार में अलग ही डिमांड लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है. बिहार में होली के अवसर पर बाजार सज चुके हैं लेकिन एक चीज की और डिमांड भी रहती है. वो है शराब की लेकिन बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने की वजह से शराब पीता या शराब की खरीद विक्री करते पकड़े जाने पर आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है. ऐसे में गलती से भी शराब का सेवन ना करें नहीं तो आपकी होली 'Happy Holi' नहीं रह जाएगी. बिहार की पुलिस और उत्पाद विभाग लगातार शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. तस्करों को पकड़ा जा रहा है और शराब को रिकवर भी किया जा रहा है और जो भी शराब का सेवन करते हुए पकड़ा जा रहा है उसे सीधा जेल भेजा जा रहा है.

शराब पीना पड़ेगा महंगा

बिहार सरकार द्वारा भी समय-समय पर आमजन का सहयोग शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए मांगा जाता है. बिहार सरकार लोगों से शराब को छोड़कर समाज से जुड़ने की अपील करती है बावजूद इसके कुछ लोग शराब के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं. 

बिहार में कितनी पी जा रही शराब ?

फिलहाल बिहार में कितने लोग शराब पीते हैं इसका कोई ठीक-ठीक आंकड़ा नहीं है. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार कई मौकों पर ऐसे आंकड़े देते हुए सुने गए हैं कि इतने लोगों ने शराब छोड़ी. बिहार में  पकड़ी जा रही शराब और शराब पीने वालों की संख्या के आधार पर एक सर्वे किया गया था. सर्वे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के द्वारा 2020 में किया गया था. यानि कि ये सर्वे शराबबंदी कानून लागू होने के लगभग 4 साल बाद किया गया था.

महिलाएं भी कम नहीं!

सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई थी कि बिहार में 15 फीसदी से ज्यादा लोग शराब का सेवन शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी करते हैं. अगर इस आंकड़ों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग बांटी जाए तो पता चला कि शहर में रहने वाले लगभग 16 फीसदी लोग शराब का सेवन नियमित तौर पर करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के 14 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं. वहीं, ये बात भी सामने आई है कि शहर में रहनेवाली .5 फीसदी महिलाएं और  ग्रामीण इलाकों में रहने वालीं .4 फीसदी महिलाओं भी शराब पीती हैं.

2022 में ही 1 करोड़ लीटर शराब पकड़ी गई

बिहार में अकेले 2022 में एक करोड़ लीटर से ज्यादा शराब पकड़ी गई. ये तो वो आंकड़े हैं जो सार्वजनिक हुए हैं. जो माफिया पकड़े नहीं गए या जो पुलिस की आंखों में धूल झोककर निकल गए उनके तो कोई आंकड़े ही नहीं है. इतना ही नहीं देशी शराब व जहरीली शराब की खपत कितनी हुई उसके भी आंकड़ें स्पष्ट नहीं हैं. अगर एक्सपर्ट की मानें तो 2022 में पांच हजार करोड़ लीटर से ज्यादा शराब खपत हुई है. 

5 लाख से ज्यादा मामले अबतक किए गए दर्ज

वैसे तो शराबबंदी कानून को पूरी तरह से धरातल पर लागू नहीं है लेकिन शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए सीमा पर बने चेक पोस्टों की ऑनलाइन भी निगरानी की जाती है. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अबतक 5 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं और ढाई करोड़ लीटर से ज्यादा अवैध शराब जब्त की जा चुकी है. शराब की सप्लाई की बात करें तो बिहार में पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के अलावा नेपाल से भी लाई जाती है.

लोग पकड़े गए शराब पीते

1 अप्रैल 2022 के बाद बिहार में शराबबंदी कानून में संसोधन होने के बाद शराब पीनेवालों की बाढ़ सी आ गई. अप्रैल से लेकर जून 2022 तक 17,333 लोग शराब पीते हुए पकड़े गए और उन लोगों से 4 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया. 45 लोग जुर्माना नहीं दे पाए इसके लिए उन्हें एक महीने के लिए जेल में रहना पड़ा.