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सीएम की समाधान यात्रा के बाद व्यवधान, आने से पहले आया सामान जाते ही हुआ गायब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पूर्णिया के ग्रामीणों के लिए व्यवधान का कारण बन गई है. कहीं सीएम का दौरा ना होने से परेशानी तो कहीं सीएम के दौरे के बाद परेशानी.

Updated on: 15 Feb 2023, 05:01 PM

highlights

  • सीएम के ना आने से हुई परेशानियां
  • सड़कों में आई दरारें
  • मदरसे हो गए फिर से खाली
  • जनता परेशान

Purnia:

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पूर्णिया के ग्रामीणों के लिए व्यवधान का कारण बन गई है. कहीं सीएम का दौरा ना होने से परेशानी तो कहीं सीएम के दौरे के बाद परेशानी. यानी हालात कोई भी हो आम जनता का परेशान होना तय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर हैं. यात्रा का उद्देश्य है गांव-गांव में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करना, लेकिन पूर्णिया में ऐसा नहीं हुआ. पूर्णिया के धमदाहा प्रखंड के विशनपुर पंचायत में 10 फरवरी को सीएम समाधान यात्रा को लेकर पहुंचने वाले थे, लेकिन अचानक सीएम का कार्यक्रम रद्द हो गया. जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

सीएम के ना आने से हुई परेशानियां
अब आप सोच रहे होगें की सीएम के ना आने का लोगों में आक्रोश है, लेकिन ऐसा नहीं है. इस आक्रोश की वजह सीएम के ना आने की वजह से हुई परेशानियों को लेकर है. दरअसल हुआ यूं कि सीएम का दौरा जैसे ही रद्द हुआ. प्रशासनिक महकमे ने मानो चैन की सांस ले ली. अधिकारी सभी ताम-झाम छोड़कर अपने पुराने ढर्रे पर आ गए. साफ-सफाई के लिए बनाए गड्ढों को जस के तस छोड़ दिया गया. कृषि विभाग की ओर से मिनी स्प्रिंकलिंग योजना के लिए बिजली कनेक्शन हटा दिया गया है. जिस तालाब का मुख्यमंत्री लोकार्पण करने वाले थे क्योंकि उस में बत्तख पालन होना था. दौरा रद्द होने के बाद बत्तखों को भी वापस भेज दिया गया. अमृत सरोवर में मछली पालन की शुरुआत होनी थी, लेकिन मछलियों को भी वापस लौटा दिया गया. आंगनबाड़ी भवन में लगे वाईफाई को हटा दिया गया.

सड़कों में आई दरारें
सीएम के दौरे के लिए बनाई गई सड़कों में भी अभी से दरारें पड़ने लगी. पंचायत भवन के सामने बने नाले का स्लैब भी टूटने लगा. इतना ही नहीं बीते 15 दिनों से सीएम से मिलने की आस लगाए बैठे मजदूरों की आस भी टूट गई. उन्हें उम्मीद थी कि सीएम आएंगे तो उनकी परेशानियों को सुन तुरंत उनका निदान कर देंगे, लेकिन सीएम का आना तो दूर दौरा रद्द होने से परेशानियां और बढ़ गई है. 

मदरसे हो गए फिर से खाली
अब दूसरी तस्वीर पूर्णिया के कसबा प्रखंड की है. ढोलबज्जा गांव में समाधान यात्रा के तहत मुख्यमंत्री 10 फरवरी को पहुंचे थे. सीएम के पहुंचने से पहले रातों-रात प्रशासन ने गांव में साज-सज्जा शुरू कर दी. जिस मदरसे में सीएम आते वहां कंप्यूटर क्लास लगा दिया गया. लाइब्रेरी बना दी गई. नल जल योजना के तहत 10 से 12 नलों का भी रंग-रोगन हुआ, लेकिन जैसे ही सीएम गांव से गए प्रशासन ने तमाम कप्म्यूटर्स, किताबें और सभी सामानों को मदरसे से वापस ले लिया. जिसके बाद से ही मदरसे के शिक्षकों और छात्रों में आक्रोश है.

जनता परेशान
कहीं सीएम का दौरा ना होने से परेशानी तो कहीं सीएम के दौरे के बाद परेशानी. यानी हालात कोई भी हो... बिहार में आम जनता का परेशान होना तय है. शासन योजनाओं की घोषणाएं कितनी भी क्यों ना कर ले अगर प्रशासन के स्तर पर अधिकारी गंभीर नहीं होंगे और विकास के नाम पर जनता के साथ इस तरह का मजाक किया जाएगा तो प्रदेश की तस्वीर बदलनी टेढ़ी खीर साबित होगी. 

रिपोर्ट : प्रफुल्ल झा

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