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बीमारी नहीं देखती मजहब, भेदभाव की ओछी राजनीति करने वाले इंसानियत के गुनहगार- मोदी

कोरोना वायरस महामारी के बीच लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार की राजनीति गर्म है.

Updated on: 16 Apr 2020, 11:42 AM

पटना:

कोरोना वायरस (corona virus) महामारी के बीच लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार की राजनीति गर्म है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने प्रवासी मजदूरों के राजद और कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस ने अपने राज में गरीबी तो दूर नहीं की, लेकिन उद्योग व्यापार करने वाले लोगों का पलायन अवश्य करवाया. उन्होंने कहा कि ये लोग आज भी बांटने वाली मानसिकता से बयानबाजी कर रहे हैं.

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सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने में टाटा, महेंद्रा, अंबानी से लेकर बिल गेट्स तक ने खुलकर दान दिया है. स्थानीय स्तर पर भी संपन्न लोग गरीबों के लिए हर प्रकार की मदद कर रहे हैं. जिन लोगों ने सत्ता में आने पर करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति बनायी, काम के बदले जमीनें लिखवाईं और पांच एजेंसियों को अपनी अकूत अमीरी का बिंदुवार ब्योरा नहीं दिया, वे इस मुश्किल दौर में अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति का कुछ हिस्सा दान करने के बजाय सरकार और समाज के योगदान की अनदेखी कर रहे हैं.'

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'बिहार के गरीब लोग भी अब हवाई यात्रा करते हैं. वे बैलगाड़ी और बस से सफर कर खाड़ी के देशों में रोजगार पाने नहीं जाते. इनमें से बड़ी संख्या में जो कोरोना संक्रमित लोग राज्य के विभिन्न जिलों में लौटे, उनकी लापरवाही से इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई कमजोर हुई.' उन्होंने कहा, 'सीवान के एक ही परिवार के 23 लोग और मुंगेर में एक व्यक्ति के कारण 13 लोग संक्रमित हुए, जिसके बाद पूरे इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करना पड़ा.'

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सुशील मोदी ने कहा, 'जो संक्रामक बीमारी न मजहब देखती है और न अमीरी-गरीबी, उससे निपटने में भी भेदभाव की ओछी राजनीति करने वाले इंसानियत के गुनहगार माने जाएंगे.' बीजेपी नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 20 अप्रैल से लॉकडाउन में रियायत देने के लिए जारी गाइडलाइन में मास्क न पहनने और इधर-उधर थूकने पर जहां सख्ती की गई है, वहीं ई-कामर्स, कुरियर सेवा, आइटी कंपनियों और होटल-लॉज को कुछ शर्तों के साथ खोलने की छूट दी गई. इससे ठप पड़ी अर्थव्यवस्था वार्म अप के लिए तैयार होगी.'

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