नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (NRC) के बाद अब नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) पर बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच घमासान शुरू हो गया है. बिहार सरकार राज्य में एनपीआर कराए जाने को लेकर राजी हो गई और सुशील कुमार मोदी ने इसकी तारीख का ऐलान भी कर दिया. मगर अब जेडीयू ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की बातों को नकारा है.
यह भी पढ़ेंः अच्छा हो या बुरा सभी बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए साथ आएं- रघुवंश प्रसाद सिंह
NPR पर बिहार के उद्योग मंत्री और जेडीयू के महासचिव श्याम रजक ने News State से खास बातचीत में कहा कि ये बातें महत्वहीन हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले सरकार और कैबिनेट के स्तर पर होते हैं. सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं और उन्होंने अब तक कोई बात नहीं कही है. श्याम रजक ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है, मगर इसका मतलब ये नहीं है कि ये निर्णय सरकार का. उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार में वही होगा जो नीतीश कुमार कहेंगे, वो हैं मुख्यमंत्री.
इससे पहले शनिवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि राज्य में एनपीआर का कार्य एक वैधानिक कार्य है और एनपीआर को अपडेट करने का काम 15 मई से 28 मई तक चलेगा. उन्होंने कहा, 'यह जनगणना के प्रथम चरण मकान सूचीकरण और मकान गणना के साथ किया जाएगा. एनपीआर को ही अपडेट किया जा रहा है. कोई नया रजिस्टर तैयार नहीं किया जा रहा. यह जनगणना का ही हिस्सा है. इसमें न कोई दस्तावेज देना है और न प्रमाणपत्र. एनपीआर लागू करना राज्यों की बाध्यता है. एनपीआर का निर्माण वैधानिक कार्रवाई है, जिससे कोई राज्य इंकार नहीं कर सकता.'
यह भी पढ़ेंः लालू यादव को BJP नेता ने दिया नारे से जवाब- दो हजार बीस, फिर से नीतीश
सुशील मोदी ने आगे कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का मकसद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को राहत देना है. पाकिस्तान में किस तरह धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इसका हालिया उदाहरण ननकाना साहिब में जगजीत कौर का अपहरण और उसका धर्मातरण और फिर पाक मुस्लिमों द्वारा गुरुद्वारा साहिब पर हमला करना है.
Source : News Nation Bureau