मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर सभी जिलों में समग्र सेवा अभियान चलाने की कार्य योजना तैयार की गई. राज्य के 60 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति टोलों में डॉ.अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत विशेष विकास शिविर आयोजित किए गए थे. इनमें 22 प्रमुख योजनाओं से जुड़े आवेदन मिले.
14 अप्रैल से 17 मई तक आयोजित सभी शिविरों में 22 लाख 99 हजार 405 आवेदन प्राप्त हुए. इसमें 9 हजार 477 आवेदन आधारभूत संरचनाओं तथा 22 लाख 89 हजार 928 आवेदन विभिन्न योजनाओं को पूरा करने की मांग को लेकर प्राप्त हुए हैं. इन पर संबंधित विभाग के स्तर से क्रियान्वयन की प्रक्रिया को तेजी देखी जा रही है. एक तिहाई मामलों का निष्पादन करते हुए संबंधित व्यक्ति को इसका लाभ भी दिया जा चुका है.
विकास की ओर बढ़ते कदम
आधारभूत संरचनाओं से जुड़े कुल 9 हजार 477 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 3 हजार 114 कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं. बचे 4 हजार 652 मामलों में काम प्रगति पर है. बड़ी बात है कि इस श्रेणी में प्राप्त सभी आवेदनों में अब तक 32.86 प्रतिशत का निपटारा हुआ है. वहीं, विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े 22 लाख 89 हजार 928 आवेदनों में 9 लाख 92 हजार 203 को स्वीकृत किया गया है. इनमें 43.48 प्रतिशत आवेदनों का निपटारा कर दिया गया है.
विद्यालय निर्माण की स्थिति
आधारभूत संरचनाओं की जरूरतोंं से जुड़े विद्यालय निर्माण के लिए कुल 207 आवेदन मिले हैं. इनमें से 45 स्थलों पर काम पूरा किया जा चुका है. वहीं 151 विद्यालय निर्माण के केस प्रक्रिया से जुड़े हैं. बड़ी बात ये है कि मुजफ्फरपुर जिले से स्कूल निर्माण को लेकर सर्वाधिक 24 आवेदन मिले हैं.
इनमें तीन पर काम हो चुका है. वहीं 21 विद्यालय निर्माण के मामले प्रक्रिया में हैं. नवादा से कुल 14 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें 11 पर काम पूर्ण हो चुके हैं. वहीं तीन मामले प्रक्रिया में हैं. वहीं, सीवान, वैशाली और गोपालगंज जिले से विद्यालय निर्माण के लिए कुल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें सीवान में एक जगह पर काम पूरा हो चुका है. वहीं तीन प्रक्रिया में है. वैशाली में भी एक जगह पर काम पूरा हो चुका है, वहीं 11 विद्यालय निर्माण के मामले प्रक्रिया में है. गोपालगंज में 12 जगहों पर स्कूल निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन है.
अन्य जिलों की बात करें तो अररिया से 2, अरवल से 4, औरंगाबाद से 4, बांका से 10, बेगूसराय और भागलपुर से 1, भोजपुर से 12, दरभंगा से 5, पूर्वी चंपारण से 10, गया से 11, कैमूर से 3, कटिहार से 2, किशनगंज से 3, लखीसराय से 3, मधुबनी से 8, मुंगेर से 5, पटना से 7, नालंदा से 4, रोहतास से 6, सहरसा से 8, समस्तीपुर से 3, सारण से 11, सीतामढ़ी से 4, सुपौल से 3 और पश्चिम चंपारण से 1 विद्यालय निर्माण के आवेदन प्राप्त हुए हैं.
आंगनबाड़ी निर्माण की वर्तमान स्थिति
आधारभूत संरचनाओं की जरूरतों से संबंधित आंगनबाड़ी निर्माण के लिए कुल 632 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 172 स्थलों पर काम पूरा हो चुका है, जबकि 437 निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन हैं. विद्यालय निर्माण की तरह आंगनबाड़ी निर्माण को लेकर भी मुजफ्फरपुर से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 49 आवेदन मिले हैं. इनमें 18 आंगनबाड़ी निर्माण के काम पूरे हो गये हैं, वहीं, 30 प्रक्रियाधीन हैं. नवादा से भी 40 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें 33 जगहों पर निर्माण के काम पूर्ण हो चुके हैं और 7 प्रक्रिया में है. सीवान से कुल 36 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें 8 पर काम पूरा हो चुका है और 14 आंगनबाड़ी निर्माण के कार्य प्रक्रियाधीन है. वैशाली से कुल 33 आवेदन मिले हैं, इनमें 10 पर काम पूरा हो चुका है और 23 प्रक्रियाधीन है.
अन्य जिलों की बात करें तो अररिया से 16, अरवल से 7, औरंगाबाद से 15, बांका से 21, बेगूसराय से 9, भागलपुर से 9, भोजपुर से 37, बक्सर से 3, दरभंगा से 19, पूर्वी चंपारण से 32, गया से 14, गोपालगंज से 25, कैमूर से 26, कटिहार से 9, किशनगंज से कुल 14 आवेदन प्राप्त हुए हैं. लखीसराय से 13, मधुबनी से 33, पटना से कुल 24, रोहतास से 15, सहरसा से 18, समस्तीपुर से 10, सारण से 22, सुपौल से 15 और पश्चिम चंपारण से कुल 17 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार ग्रामीण और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के बीच आधारभूत विकास को प्राथमिकता दे रही है. शिक्षा और पोषण के लिए चल रहे निर्माण कार्यों की गति सराहनीय है और इसका सीधा लाभ महादलित समुदायों को मिलेगा.